पंजाब गन्ने का उच्चतम मूल्य 401 रुपये प्रति क्विंटल देने में देश में अग्रणी
- खरीफ 2024 के दौरान धान की सीधी बुवाई के क्षेत्र में 48.8 प्रतिशत की वृद्धि
जल बचत तकनीक अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
चंडीगढ़। कृषि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध बनाने तथा राज्य के मेहनतकश किसानों की आय में और अधिक वृद्धि करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज यहां कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए एक कार्यक्रम की शुरूआत की हैं। भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गन्ने की दर बढ़ाने, संकर मक्का के बीज पर सब्सिडी, धान की सीधी बुवाई के लिए वित्तीय सहायता (डीएसआर), कृषि मोटरों के लिए किसानों को मुफ्त बिजली सहित अन्य पहल की हैं।
कृषि विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री. गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि राज्य देश भर में सबसे अधिक 401 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य प्रदान कर रहा है। पंजाब सरकार ने हाल ही में पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने के राज्य-सहमत मूल्य (एसएपी) में 10 रुपये की बढ़ोतरी की, जिससे दर 401 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। पंजाब सरकार ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए सहकारी चीनी मिलों को सभी भुगतान मंजूर कर दिए हैं। इन पहलों के कारण 2024-25 के दौरान गन्ना फसल के अंतर्गत क्षेत्रफल में 5000 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार भूजल बचाने के लिए चावल की सीधी बिजाई (डीएसआर) तकनीक अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दे रही है। सरकार की इस पहल को किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। खरीफ सीजन-2024 के दौरान कुल 2.53 लाख एकड़ क्षेत्र में डीएसआर लागू किया जाएगा। के तहत बुवाई की गई, जबकि खरीफ सीजन-2023 के दौरान 1.70 लाख एकड़ में बुवाई की गई। तदनुसार, इस वर्ष का डीएसआर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। खेती के अंतर्गत क्षेत्रफल में 48.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि विभाग ने वर्ष 2023 के दौरान 17,112 किसानों को 20.05 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को उनके ट्यूबवेलों के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रखी है और 2024-25 के दौरान इस उद्देश्य के लिए 9331 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि राज्य सरकार के फसल विविधीकरण अभियान को बड़ा बढ़ावा मिला है क्योंकि पंजाब में बासमती की खेती का क्षेत्रफल कम से कम 14 प्रतिशत बढ़ गया है। इस खरीफ सीजन के दौरान बासमती की बुवाई 6.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई, जो वर्ष 2023 में 5.96 लाख हेक्टेयर थी। पंजाब सरकार ने किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मानक वाली बासमती का उत्पादन करने में सक्षम बनाने के लिए बासमती पर इस्तेमाल होने वाले 10 कीटनाशकों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के साथ समन्वय में बासमती विस्तार-अनुसंधान केंद्र और अवशेष परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है, जिससे पंजाब के बासमती निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने खरीफ सीजन-2024 के दौरान मक्का की खेती के तहत क्षेत्र को पिछले साल के 0.94 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 0.98 लाख हेक्टेयर करने में भी सफलता हासिल की है। राज्य सरकार ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा प्रमाणित एवं अनुशंसित मक्का के संकर किस्मों के बीजों पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी प्रदान की है तथा इस उद्देश्य के लिए 2.30 करोड़ रुपये आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें किसानों को मक्का के बीज और अन्य इनपुट जैसे उर्वरक, कीटनाशक आदि के लिए 6000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी गई।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसान समूहों/ग्राम पंचायतों/एफपीओ को 80 प्रतिशत तथा फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पराली प्रबंधन के लिए किसानों को 16,000 मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। परिणामस्वरूप, पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 2023 में 36,663 से घटकर इस वर्ष 10,909 हो गई। इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।