अब शिक्षा पर खर्च होगा तीर्थ यात्रा का पूरा बजट
- वित्तमंत्री मनप्रीत ने अकालियों की कारगुजारियों पर लगाया बैन
- पिछली सरकार में तीर्थ यात्रा पर खर्च हुए थे 139 करोड़
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब में अब कोई भी सरकारी तीर्थ यात्रा नहीं होगी, क्योंकि पंजाब सरकार ने इस तरह की सारी सरकारी तीर्थ यात्राओं को बंद करने का ऐलान कर दिया है। बजट में भी यात्राओं के लिए कोई फंड नहीं रखा गया है। पिछली सरकार ने इसी तैयार यात्रा पर 5-7 करोड़ नहीं बल्कि 139 करोड़ 38 लाख रुपए खर्च कर दिए थे, जबकि पंजाब की तीन बड़ी यूनिवर्सिटी फंड को तरसती रही थी।
यूनिवर्सिटी सात करोड़ को तरसती रही
पंजाब विधानसभा में ऐलान करते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा अब तीर्थ यात्राएं नहीं लगेंगी। उन्होंने कहा कि जिन जरूरतमन्दों को अनुदान की जरूरत थी उन्हें तो कुछ दिया नहीं गया, जबकि तीर्थ यात्रा पर करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। मनप्रीत बादल ने सदन में बताया कि पिछली सरकार ने साल 2016-17 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा स्कीम के तहत कई स्थानों पर यात्राएं करवाते हुए 139 करोड़ 38 लाख 32 हजार 900 रुपए का खर्च कर दिया है। जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को पंजाब सरकार ने केवल 7 करोड़ रुपए ही नहीं दिए, जिस कारण पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी एक महीना धरना देते रहे।
इसके अलावा सैनिक स्कूल जिसने देश को सेना अधिकारी दिए हैं, उसे भी पिछली सरकार ने केवल 10 लाख नहीं दिए। मनप्रीत बादल ने कहा कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी, जहां कि लोगों का इलाज होता है उन्हें भी अकाली सरकार ने 40 करोड़ रुपए जारी नहीं किए। मनप्रीत बादल ने कहा कि अब पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि तीर्थ यात्रा करवाने के लिए उन्होंने कोई भी बजट में फंड नहीं रखा है, जबकि यूनिवर्सिटी को फंड जारी किए जा रहे हैं।
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