नहीं लगेंगे ‘चिप’ वाले मीटर, अब दो जोन में होगी धान की बिजाई
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गेहूँ पर बोनस के लिए दिल्ली जाएंगे मुख्यमंत्री भगवंत मान
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मूंग की दाल और बासमती पर एमएसपी के लिए नोटिफिकेशन जारी
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर आंदोलन में डटे किसान यूनियनों के नेताओं (Punjab Farmers) और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच सहमति बन गई है। मीटिंग में 13 मांगों को रखा गया, जिसमें से सरकार ने 12 मांगों को मान लिया है और एक मांग को केंद्रीय स्तर पर समाधान करवाने का भरोसा दिया है। करीब चार घंटे तक चली मीटिंग के बाद ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल मोहाली धरने में पहुंचे। वहां उन्होंने सरकार और किसानों के बीच हुई सहमति की जानकारी दी। जिस पर किसान नेताओं ने भी हामी भरी। इसके बाद मोहाली मोर्चे को खत्म कर दिया गया है। किसान नेताओं ने कहा कि वह अभी मोर्चे को स्थगित कर रहे हैं। यदि आगे फिर कोई दिक्कत आई तो मोर्चा दोबारा लगाया जाएगा।
किसान नेताओं की मांग पर भगवंत मान ने पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को सरकार द्वारा धरनास्थल पर भेजा, जिसके बाद मंत्री ने मांगों को स्वीकार करने का ऐलान किया। पंजाब सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि धान को लगाने के लिए चार की बजाए दो जोन में बांटा जाएगा। यह भी तय हुआ कि कुछ जिले 14 जून से धान की बिजाई करेंगे तो बाकी जिले 17 जून से धान की बिजाई करेंगे। इन जिलों का फैसला खुद किसान यूनियन स्तर पर करते हुए सरकार को जिलों की लिस्ट सौंपेंगे। Punjab Farmers
नहीं कुर्क होंगी जमीनें, वारंट प्रक्रिया रद्द
इसके अलावा सरकार ने एक और महत्पूर्ण ऐलान पंजाब के गांवों में अब कोई भी चिप वाला मीटर नहीं लगेगा। किसानों ने कर्ज वापिसी नहीं करने पर उनकी जमीन किसी भी हालत में कुर्क नहीं की जाएगी। इसके अलावा किसानों को वारंट जारी करने वाली प्रक्रिया भी सरकार द्वारा रद्द करने का ऐलान किया गया। सरकार द्वारा मक्का और बासमती पर एमएसपी का नोटिफिकेशन जारी किया गया और इस नोटिफिकेशन की कॉपी किसानों को मीटिंग में दिखाई भी गई।
ब्याज होगा माफ, सरकार जारी करेगी आदेश
गेहूँ पर बोनस देने की माँग को लेकर मुख्य मंत्री भगवंत मान दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। जहां वे किसानों को गेहूँ पर बोनस देने की मांग करेंगे और केंद्र सरकार द्वारा बोनस जारी करवाया जाएगा। इसके अलावा गेहूँ का झाड़ कम निकलने के चलते किसानों को हुए वित्तीय घाटे को देखते हुए पंजाब सरकार ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों को आदेश दिए जाएंगे कि वे पिछली छिमाही की लिमिट का ब्याज किसानों से नहीं लेंगे और ब्याज माफ करेंगे। खेती मोटरों के लोड बढ़ाने के लिए 4800 रुपए नहीं 2400 रुपए देने होंगी। किसान नेता 1200 की मांग कर रहे हैं लेकिन 2400 पर सहमति बनी। गन्ने के बकाए की जल्द ही अदायगी करने संबंधी भी जल्द कोई फैसला लिया जाएगा।
पंचायती जमीनों पर कब्जे को लेकर 23 को होगी मीटिंग
पंजाब के किसानों द्वारा पंचायती जमीनों पर किए अवैध कब्जों को लेकर फिलहाल कोई भी फैसला नहीं हुआ। इस मामले को एजेंडे से बाहर रखा गया, जिस पर 23 मई को मीटिंग की तारीख तय की है। 23 को गांवों में किसान परिवारों के कब्जे में पंचायती जमीन सम्बन्धित फैसला भी लिया जाएगा। तब तक किसी भी किसान पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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