मेहमानबाजी का बिल चुकाए बिना गायब हुए पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत

Punjab Congress Incharge Harish Rawat disappears without paying hospitality bill

हरीश रावत को ढूंढ रहे पंजाब भवन के अधिकारी, चार कमरे करवाए थे बुक (Punjab Congress Chief)

  • चंडीगढ़ में स्थित पंजाब भवन में गुजारे सात से दस रात, बना लगभग 45 हजार रुपये बिल

सच कहूँ/अश्वनी चावला चंडीगढ़। इन दिनों पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब भवन के अधिकारी ढूंढ रहे हैं। माजरा यह है कि चंडीगढ़ में स्थित पंजाब भवन में (Punjab Congress Chief) हरीश रावत ने सात से दस रात तक आराम फरमाया। साथ ही अपने स्टाफ को सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक सब कुछ उधार में खाया लेकिन वे अपना बिल दिए बिना ही गायब हो गए। उनकी पूरी मेहमानबाजी पर लगभग 45 हजार रुपये के लगभग बिल बनकर तैयार है, जोकि विभागीय अधिकारी अब उसे भरने से खिसक रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के कारण विभागीय अधिकारी चुप्पी साधकर बैठे हैं, वे कार्रवाई होने के डर से कुछ नहीं बोल रहे।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सितम्बर माह में पंजाब कांग्रेस का इंचार्ज नियुक्त किया था। इंचार्ज बनने के बाद वे एक महीने में ही पंजाब में दो बार दौर कर गए। उनकी मेहमानबाजी में कोई कमी न रहे, इसीलिए पंजाब भवन को ही बुक किया गया। रावत के लिए हमेशा ही किंग साइज कमरा नंबर 201 बुक किया गया और उनके स्टाफ के लिए 202, 203 और 204 की बुकिंग होती रही है। चार कमरों की बुकिंग के साथ ही अब तक वे सात से 10 रातें पंजाब भवन चंडीगढ़ में गुजार चुके हैं। उनकी खातिरदारी के लिए स्पैशल तौर पर सुबह के नाश्ते व रात के खाने तक का विशेष प्रबंध किया जाता रहा है।
उनके स्टॉफ के साथ भी कई कांग्रेसी नेताओं का चाय-पानी चलता रहा है, जिस कारण पंजाब भवन के कमरों के किराये के लगभग 25 हजार रुपए और खाने-पीने के बिल के रूप में 20 हजार रुपए बना, जिसका हरीश रावत ने भुगतान नहीं किया। अब हालात यह है कि पराहुणचारी विभाग के अधिकारी बिल की अदायगी को लेकर परेशान हैं। इस संबंधी जब पंजाब भवन के अधिकारी के साथ संपर्क किया तो उन्होंने हरीश रावत के मामले में ज्यादा कुछ बोलने से इनकार करते हुए केवल यही बताया कि उन्होंने बिल का कोई भुगतान नहीं किया। अब तक कमरे के किराये से लेकर खाने-पीने के बिल की अदायगी पेडिंग चल रही है।

महाजन ने रिजेक्ट की थी फाइल

कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत को स्टेट गेस्ट घोषित करने के लिए बकायदा प्रोटोकॉल ब्रांच द्वारा फाइल तैयार कर पंजाब के मुख्य सचिव विन्नी महाजन को भेजी थी, जिसे रिजेक्ट कर मंजूरी देने से इन्कार कर दिया था। यदि हरीश रावत स्टेट गेस्ट घोषित होते तब उनका सारा खर्च पंजाब सरकार ने करना था।

पंजाब सरकार या कांग्रेस पार्टी तय करे

जब हरीश रावत के साथ संपर्क करने की कोशिश की गई तो किसी मीटिंग में वयस्त होने के कारण उनसे बातचीत नहीं हो पाई। उनके एक स्टाफ सदस्य ने कहा कि जो भी बिल पंजाब भवन का पेडिंग है, वह पंजाब कांग्रेस या फिर पंजाब सरकार को ही देखना है कि कौन बिल की अदायगी करेगा ।

 

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