पहले की तरह विधानसभा में होगा कागज का प्रयोग
- बजट सत्र में होंगी 11 बैठकें, 29 को पास होगा बजट
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब विधान सभा का सदन डिजीटल रूप नहीं ले सका है, जिस कारण बजट सत्र की कार्रवाई पहले की तरह ही कागजी होगा यानि बजट सत्र पेपरलैस नहीं होगा। इस फैसले से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जरूर निराश होंगे क्योंकि उन्होंने खुद ही पेपरलैस बजट की जानकारी दी थी। इस मामले में पंजाब सरकार या फिर विधानसभा स्तर पर कोई बाधा नहीं आई है, क्योंकि पेपरलैस करने के लिए लगाए जाने वाले डिजीटल सामान को केंद्रीय एजेंसियां ही खरीदकर लगवा रही हैं। एजेंसियों की खरीद में देरी होने के कारण बजट सत्र पेपरलैस नहीं होगा।
जानकारी के अनुसार पंजाब विधानसभा में हर वर्ष बजट सत्र के साथ ही मानसून सत्र भी चलाया जाता है व दोनों सत्रों के बीच लगभग 15 के करीब बैठकें होती हैं। सदन की बैठकों में सवालों से लेकर अन्य कई प्रकार की कार्रवाई कागजी तौर पर की जाती है व विधानसभा के सभी सदस्य विधायकों को सामान भी कागज के रूप में सप्लाई किया जाता है। कागज पर हर साल 20 करोड़ रुपये के करीब सरकारी खर्च होता है। केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार के कागज का प्रयोग को रोकने व खर्चों को कम करने की कोशिश में देश भर की सभी विधानसभाओं को डिजीटल करने का निर्णय लिया गया है। यही नहीं केंद्र सरकार ने बकायदा फंड भी जारी करने का जिक्र किया था।
विधानसभा में लगने वाला सामान
- टच स्क्रीन टैब : 152
- कंप्यूटर : 164
- लैपटॉप : 24
- एलईडी टीवी 55 inch: 10
- विधायकों के लिए टैब : 119
- (टैब विधायकों को घर लेकर जाने के लिए भी दिए जाएंगे व उनके पास ही रहेंगे।)
हम बिल्कुल तैयार, केंद्रीय एजेंसी की देरी: सचिव
पंजाब विधानसभा के सचिव सुरेन्द्रपाल ने कहा कि पंजाब विधानसभा सचिवालय डिजीटल होने के लिए मुकम्मल तरीके से तैयार है। केंद्रीय एजेंसी अपने स्तर पर भी पूरी कार्रवाई करती है। उन्होंने बताया कि नेशल ई विधान एप्लीकेशन (नेवा) अधीन ही सारा काम हो रहा है व उनकी टीम द्वारा ही डिजीटल सामान लगवाने के बाद आपरेट भी खुद टीम ही करती है। उन्होंने कह ाकि जैसे इस प्रोजेक्ट में नियुक्त कर्मचारी कार्रवाई को मुकम्मल कर लेंगे, उसी दिन से पंजाब विधानसभा को पेपरलैस कर दिया जाएगा।
डिजीटल सामान की सप्लाई में देरी
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद पंजाब विधानसभा द्वारा डिजीटल प्लेटफार्म पर जाने के लिए कार्रवाई को संपूर्ण कर केंद्रीय एजेंसी को सौंपी गई थी। एजेंसी ने विधानसभा को पेपरलैस करने के लिए डिजीटल सामान का आॅर्डर तो कर दिया लेकिन अब तक सामान की सप्लाई नहीं पाई। फिलहाल, सामान पहुंचने उपरांत सदन को डिजीटल करने में पांच से छह महीने का समय लगेगा।
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