मांगें पूरी नहीं हुई तो सरकारी वाहनों को उधार में तेल देना करेंगे बंद
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हरियाणा में 4000 तेल पम्प डीलर को 200 करोड़ के नुक्सान का अनुमान
सच कहूँ/संजय मेहरा गुरुग्राम। ऑल हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (Petrol Pump Dealers) आगामी 31 मई को किसी भी तेल कंपनी से पेट्रोल, डीजल की खरीद नहीं करेगी। इसे नो पर्चेज नाम दिया गया है। पहले से ही जो स्टॉक होगा, उसी की बिक्री की जाएगी। हालांकि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने देने का आश्वासन हरियाणा के पम्प डीलर्स ने दिया है। शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में डीलर्स ने कहा कि सरकार और तेल कंपनियों की मनमानी से उन्हें करोड़ों का घाटा हो रहा है।
एसोसिएशन के प्रधान अनिल यादव ने कहा कि अभी 31 मई को तो सप्लाई नहीं लेने का निर्णय है, अगर डीलर्स के हितों की रक्षा नहीं की तो निकट भविष्य में सरकारी वाहनों को उधार में पेट्रोल, डीजल देना भी बंद कर देंगे। जो भी समस्या उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रधान अनिल यादव ने कहा कि पिछले पांच साल में पेट्रोल की कीमत 160 प्रतिशत और डीजल की 150 प्रतिशत बढ़ चुकी है, लेकिन पंप डीलर्स (Petrol Pump Dealers) का कमीशन एक बार भी नहीं बढ़ाया गया है। वर्ष 2017 के बाद अब तक पिछले पाँच साल में पम्प डीलर्स का कमीशन तेल कंपनियों ने नहीं बढ़ाया है, जबकि नियम यह है कि हर छह महीने के बाद डीलर कमीशन बढ़ाया जाना चाहिए। हकीकत यह है कि जो भी कमीशन पम्प डीलर को मिलता है, उसका 90 फीसदी हिस्सा पम्प चलाने के खर्चों में वहन हो जाता है। भारत सरकार द्वारा गठित अपूर्व चंद्रा कमेटी की रिपोर्ट में भी यह बात मानी गई है। Petrol Pump Dealers
बढ़ोतरी को डीलर के बिक्री मूल्य में नहीं जोड़ा
यादव ने कहा कि नवंबर 2021 व मई 2022 में भारत सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 15 से 20 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। जुलाई 2015 में पेट्रोल 17.46 रुपये, डीजल 10.26 रुपये तथा जुलाई 2021 में पेट्रोल 32.90 रुपये, डीजल 31.80 रुपये (कुल पेट्रोल 50.36 रुपये व डीजल 42.06 रुपये) की बढ़ोतरी की है, लेकिन बढ़ोतरी को डीलर के बिक्री मूल्य में नहीं जोड़ा गया है, जबकि घटाई गई एक्साइज ड्यूटी की राशि दोनों बार ही डीलर के बिक्री मूल्य से घटा दी गई हैं, जिससे प्रत्येक डीलर को लाखों रुपये का नुकसान भुगतना पड़ा है।
एक्साइज ड्यूटी घटाने से 200 करोड़ का नुकसान
गुरुग्राम से डीलर मनीष यादव व राकेश जैन ने बताया कि हरियाणा में 4000 तेल पम्प हैं। प्रत्येक पम्प को कम से कम 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस हिसाब से डीलर्स को 200 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है, जो कि न्यायसंगत नहीं है। कंपनियों की ओर से कोर्ट में केस विचाराधीन की बात कहकर टाल दिया जाता है।
पम्प डीलर्स को एक्साइज के घटने-बढ़ने से बाहर रखें: एमसी गुप्ता
एसोसिएशन के महासचिव एमसी गुप्ता ने कहा कि पम्प डीलर्स को एक्साइज के घटने-बढ़ने से बाहर रखना चाहिए। डीलर को एक्साइज ड्यूटी का पूरा भुगतान करने पर ही पेट्रोल, डीजल की पूरी सप्लाई दी जाती है। ऐसे में उनके बिक्री मूल्य में से एक्साइज ड्यूटी की राशि वापस कम करना ज्यादती है। अनिल यादव ने कहा कि इन सब विषयों, समस्याओं को लेकर एसोसिएशन की ओर से तेल कंपनियों के चेयरमैन व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन डीलर्स की समस्याओं का कोई हल नहीं हुआ है। उन्होंने सीमावर्ती राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी बेसिक रेट कम करने की मांग की है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष राहुल जैन, पवन गोयल, महासचिव नकुल अग्रवाल, खजांची अशोक जैन, गुड़गांव अध्यक्ष मनीष यादव के अलावा राकेश जैन, पवन गुप्ता, राज यादव, अनिल आदि मौजूद रहे।
हिमाचल के बराबर लिया जाए वैट
एसोसिएशन की ओर से जानकारी दी गई कि हरियाणा में डीजल पर वैट 16.80 फीसदी, चंडीगढ़ में 6.66 फीसदी, पंजाब में 10.912 फीसदी है। हिमाचल प्रदेश में डीजल पर वैट 4.40 फीसदी है। इसी तरह पेट्रोल पर हरियाणा में वैट 19.11 फीसदी, चंडीगढ़ में 15.24 फीसदी, पंजाब में 15.147 फीसदी है।
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