सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों की झड़पें, 6 की मौत | Pulwama J&K
श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama J&K)जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए और एक जवान शहीद हो गया। प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलवामा के सिरनो गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू होने के तुरंत बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये जिनमें अधिकतर युवा थे। प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों के अभियान को बाधित करने के लिए नारे लगाते हुए मुठभेड़ स्थल की और बढ़ने लगे।
प्रदर्शनकारियों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस के जवानों ने पहले लाठी चार्ज किया। इस पर भी प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ना जारी रखा तो सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों की झड़पों में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये।
इन सभी को अस्पताल ले जाया गया जहां छह प्रदर्शनकारियों ने दम तोड़ दिया। प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पुलवामा में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को स्थगित कर दिया है। सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवाओं को भी स्थगित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि शनिवार सुबह पुलवामा के सिरनो गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए और एक जवान शहीद हो गया तथा एक अन्य जवान घायल है।
मुठभेड़ स्थलों पर प्रदर्शन से निपटने के उपाय सीखना जरूरी : उमर | Pulwama J&K
श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पुलवामा में मुठभेड़ स्थल के पास स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़पों में छह प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और एक सैनिक के शहीद होने का उल्लेख करते हुए कहा कि मुठभेड़ स्थल के पास आये दिन होने वाले विरोध-प्रदर्शनों से समुचित तरीके से निपटने के उपाय क्यों नहीं किये जाते हैं।
अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा, ‘कश्मीर में एक और खून-खराबे वाला सप्ताहांत। छह प्रदर्शनकारी मारे गये, एक जवान शहीद हो गया। मुठभेड़ स्थल पर झड़पों में कई लोगों के घायल होने की भी रिपोर्ट है। कितना भयानक दिन है। उन्होंने कहा, ‘छह लोग मारे गये और कई अन्य घायल हो गये जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। यह काफी खराब तरीके से हुई मुठभेड़ है। मुठभेड़ स्थल के पास प्रदर्शन अब अपवाद नहीं हैं, आये दिन हो रहे हैं। हम उनसे उचित तरीके से निपटने का उपाय क्यों नहीं सीख पा रहें हैं।
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