पुलवामा हमला: भारत ने पाक से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीना

Pulwama attack: India gets the status of Most Favored Nation from Pak

सुरक्षा बलों को कार्रवाई की खुली छूट मिली

नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद कैबिनेट की सुरक्षा संबंधी समिति की (सीसीएस) शुक्रवार सुबह अहम बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश और आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं। गुनहगारों को सजा जरूर मिलेगी। सुरक्षा बलों को पूरी स्वतंत्रता दे दी गई है। वित्त मंत्री का पदभार दोबारा संभाल चुके अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि जो भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कैबिनेट समिति की बैठक में फैसला- पाक को अलग-थलग किया जाएगा

अरुण जेटली ने कहा, “पुलवामा में कल जो हमला हुआ उसमें जवानों की शहादत पर कैबिनेट कमेटी ने दो मिनट का मौन रखा। सीआरपीएफ जल्द ही शहीद जवानों के पार्थिव शरीर उनके परिवारों तक पहुंचाएगी। कुछ चीजें हैं जिनपर सीसीएस में चर्चा हुई। हम यहां आपको उसकी जानकारी नहीं दे सकते। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करेंगे।  इस आतंकी हमले में जिनका हाथ है, जल्द ही सबूतों के बल पर उनके किरदार को दुनिया के सामने लाएंगे।

श्मीर की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सुरक्षाबल सभी कदम उठा रहे है। जो भी इस घृणित हमले में शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। राजनाथ सिंह आज श्रीनगर जा रहे हैं। उनके लौटने के बाद हम ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएंगे ताकि मामले पर चर्चा की जा सके। 1986 में भारत ने यूएन में एक प्रस्ताव भेजा था जो पारित नहीं हुआ,क्योंकि उसमें आतंकवाद की परिभाषा साफ नहीं है। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश करेंगे।

क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा?

मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे ज्यादा तरजीही वाला देश। विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। जिस देश को यह यह दर्जा मिलता है, उसे आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। 2016 में सिंधु जल समझौता खत्म करने के समय और उड़ी हमले के बाद भी भारत ने पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के संकेत दिए थे। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने इसे जारी रखा था। पाक ने कभी भी भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया।

इसके क्या फायदे ?

इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंदा फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज का कारोबार होता है।

एमएफएन का दर्जा छिनने से पाक को कितना नुकसान?

विशेषज्ञों की मानें तो एमएफएन दर्जा छिनने से पाक को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच 2017-18 के दौरान 2.412 बिलियन डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपए) का कारोबार हुआ था। इसमें भारत से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी 1.924 बिलियन डॉलर है, जबकि पाकिस्तान से सिर्फ 0.488 बिलियन डॉलर का ही आयात होता है। 2016-17 में भारत की ओर से पाकिस्तान को 1.8218 बिलियन डॉलर, जबकि पाक की तरफ से सिर्फ 0.454 बिलियन डॉलर का ही निर्यात किया गया था।

कब वापस लिया जा सकता है दर्जा?

डब्ल्यूटीओ के अनुच्छेद 21 बी के तहत कोई भी देश किसी देश को दिया एमएफएन का दर्जा तब वापस ले सकता है, जब उन दोनों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर विवाद हो। हालांकि नियम के मुताबिक, किसी भी देश से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए सारी शर्तें पूरी करनी होती हैं।

मोदी की रैलियां रद्द

इस बीच मध्यप्रदेश के इटारसी में आज और धार में कल होने वाली मोदी की रैलियां रद्द कर दी गई हैं। भाजपा ने भी शुक्रवार को पार्टी के सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए। उधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 12 सदस्यीय टीम शुक्रवार को हमले वाली जगह पर फोरेंसिक साक्ष्य जुटाएगी। इसमें एक आईजी रैंक के अफसर को भी शामिल किया गया है।

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