बांटी जा रही मिठाइयां, सज रही दीपमालाएं
सच कहूँ/राजू
ओढां। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के बरनावा में पधारने और लाइव दर्शन देने के बाद साध-संगत खुशी से फूले नहीं समा रही। अपने मुर्शिद के आगमन की खुशी को साध-संगत विभिन्न तरीकों से मना रही है। साध-संगत में इस कदर खुशी देखी जा रही है कि साध-संगत बार-बार पूज्य गुरु जी की वीडियो क्लिप देखकर उन्हें सजदा कर रही है। साध-संगत का कहना है कि लंबे इंतजार के बाद उन्हें पूज्य गुरु जी के दर्शन हुए हैं। दर्शन कर उन्हें जो खुशी हुई है उसे बयां नहीं किया जा सकता। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को अपना पावन आशीर्वाद देकर बिना दीदार के तड़पती रूहों को शांत कर दिया। साध-संगत ने पूज्य गुुरु जी के आगमन की खुशी को कुछ इस प्रकार व्यक्त किया।
‘‘लंबे समय से बस यही तड़प लगी हुई थी कि हमारे सतगुुरु हमारे बीच में आएं और हमें दर्शन दें। हमारी मुराद आखिर पूरी हो गई। पूज्य गुरु जी के दर्शन कर जो खुशी हुई उसे बयां करना नामुमकिन है। हर बार चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ये कहते थे कि शीघ्र ही आपके दर्शन करेंगे। ये वचन साक्षात पूरे हो गए। 17 जून का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है।
सर्वजीत नंबरदार (भंंगूू)।
‘‘हम लंबे समय से पूज्य गुरु जी की एक झलक पाने के लिए तरस रहे थे। पूज्य गुरु जी ने समस्त साध-संगत को दर्शन देकर खुशी से सराबोर कर दिया। हम अपने सतगुरु का ऋण कभी नहीं उतार सक ते। सतगुुरु के हर कदम में राज होता है। ये हमारे मुर्शिद ने खुद ही अपने वचनों में जाहिर भी कर दिया। दर्शन करके यूं लगा जैसे दर्शन के बगैर मुद्दतें गुजर गर्इं थीं।
मक्खन इन्सां (कालांवाली)।
‘‘पूज्य गुरु जी के बरनावा में पधारने और लाइव दर्शन देने के बाद मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। अब तो यही इच्छा है कि पूज्य गुरु जी शाह सतनाम जी धाम में पहुंचकर हमें साक्षात दर्शन दें। मेरे सतगुरु जैसा कोई नहीं है। पूज्य गुुरु जी ने चिट्ठियों में जिक्र किया था कि कूंज चाहे 100 कोस दूर उड़े, लेकिन ध्यान हमेशा अपने बच्चों में रखती है। इसका प्रमाण मुझे मिल भी गया।
मांगेराम इन्सां (रोड़ी)।
‘‘चिट्ठी लिखने वाले हमारे गुरु इस बार स्वयं ही आ गए। जब से मुझे गुरु जी के बरनावा पधारने की सूचना मिली है तब से मुझे यही तड़प है कि मैं उनके साक्षात दर्शन करूं। मुझे कितनी खुशी हो रही है ये बता नहीं सकती। करोड़ों साध-संगत खुशी से झूम रही है। हमारा रोम-रोम भी सतगुरु का गुण गाए तो वो भी कम है। पूज्य गुरु जी की वीडियो क्लिप को मैंने कई-कई बार देखा, लेकिन मन नहीं भर रहा।
सुनीता इन्सां (ओढां)।
‘‘वर्षांे बाद दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरु जी के आगमन के बाद हर तरफ खुशी छा गई है। पूज्य गुरु जी के दर्शन कर दिल वैराग से भर आया। बरनावा के उस आश्रम को बार-बार सजदा करती हूं जहां पूज्य गुरु जी पधारे हुए हैं। अब तो सिर्फ यही इच्छा है कि पिताजी सरसा में शाही स्टेज पर विराजमान होकर ये पूछें कि बेटा आप ठीक-ठाक हो।
चेतना इन्सां (कालांवाली)।
‘‘पूज्य गुरु जी के दर्शन कर यूं लगा जैसे भटके हुए राही को रास्ता मिल गया हो। हम अपने गुरु का उपकार कभी नहीं उतार सकते। पूज्य गुरु जी ने लाइव आकर जो भी वचन किए हैं हम उन पर शत-प्रतिशत अमल करेंगे। मेरे गुरु जैसे कोई नहीं है। हम गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे लोक भलाई कार्यांे को और जोर-शोर से गति देंगे।
किरणबाला इन्सां (कालांवाली)।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।