Public Wi-Fi Networks: पब्लिक वाईफाई का प्रयोग पड़ सकता है भारी…ये हो सकता है नुकसान

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Public Wi-Fi Networks: पब्लिक वाईफाई का प्रयोग पड़ सकता है भारी...ये हो सकता है नुकसान

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Wireless Fidelity: आज का युग तकनीकी प्रगति का युग है, जहां इंटरनेट हमारी दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। दिन की शुरुआत से लेकर अंत तक, इंटरनेट हमारे हर कदम के साथ है। स्मार्टफोन के जरिए हम न केवल सूचनाओं तक पहुँचते हैं, बल्कि संवाद, मनोरंजन और व्यवसाय के लिए भी इसका उपयोग करते हैं। ऐसे में इंटरनेट के बिना एक दिन बिताना अत्यंत कठिन हो गया है। हर किसी के हाथ में अब एक स्मार्टफोन है, जिससे लोग पल भर में अपने पसंदीदा कंटेंट तक पहुँच जाते हैं।  Public Wi-Fi Networks

लेकिन जब मोबाइल डेटा खत्म हो जाता है, तो अनेकों लोग पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स का सहारा लेते हैं। इन नेटवर्क्स का उपयोग करना आसान होता है, लेकिन यह भी एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने सभी नागरिकों के लिए एडवाजरी जारी करते हुए कहा है कि पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतें। खासकर वित्तीय लेनदेन और संवेदनशील गतिविधियों के दौरान। पब्लिक वाई-फाई आमतौर पर सुरक्षित नहीं होते हैं। हैकर इस प्रकार के नेटवर्क का दुरुपयोग कर सकते हैं और आपके व्यक्तिगत डेटा को चुरा सकते हैं।

हर नेटवर्क सुरक्षित नहीं होता

इसलिए यह आवश्यक है कि हम समझें कि स्क्रीन पर दिखने वाला हर नेटवर्क सुरक्षित नहीं होता। पब्लिक वाई-फाई (Public Wi-Fi Networks) का उपयोग करते समय, हमें ग्रेड की गई क्रियाओं से बचना चाहिए, जैसे कि बैंकिंग, ऑनलाइन खरीदारी, या व्यक्तिगत जानकारी का साझा करना। जबकि इंटरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह भी आवश्यक है कि हम इसकी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें। हमें सजग रहकर ही अपने व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे में, ध्यानपूर्वक न केवल तकनीक का उपयोग करना, बल्कि सुरक्षित तकनीक का चयन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए खाता हो सकता है खाली

केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क (Public Wi-Fi Networks) के उपयोग से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान आकर्षित किया है। पब्लिक वाई-फाई, जैसे एयरपोर्ट, कॉफी शॉप्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर, आपकी प्राइवेट और फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए जोखिम भरा हो सकता है।इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की ओर से जारी एडवाइजरी में नागरिकों को खासकर बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ी संवेदनशील गतिविधियों को पब्लिक वाई-फाई पर करने से बचने के लिए आगाह किया गया है।

ऐसा मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि कई पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क सुरक्षित नहीं होते, जिससे हैकर्स और स्कैमर्स के लिए इनका दुरुपयोग करना आसान हो सकता है। यह सलाह है कि जब तक आवश्यक न हो, तब तक संवेदनशील डेटा का आदान-प्रदान ऐसे नेटवर्क पर न किया जाए। सुरक्षा के लिए, व्यक्ति को निजी नेटवर्क या मोबाइल डेटा का उपयोग करने की सलाह दी है। साथ ही वीपीएन के उपयोग और अज्ञात नेटवर्क पर कनेक्शन न करने की सलाह दी जाती है। यह सावधानियां संभावित जोखिम को कम कर सकती हैं।

पब्लिक वाई-फाई में सुरक्षा की कमी से होता है फ्रॉड

पब्लिक वाई-फाई (Public Wi-Fi Networks) एक सुविधाजनक विकल्प तो बन गया है। लेकिन ये असुरक्षित होते हैं। यहाँ सवाल उठता है कि यदि सरकार को पता है कि पब्लिक वाई-फाई असुरक्षित है तो फिर इसे लगाया क्यों जाता है? क्या इसे सुरक्षित नहीं किया जा सकता। जवाब होगा,किया तो जा सकता है। पर इसके लिए इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने चेतावनी दी है कि साइबर क्रिमिनल पब्लिक वाई-फाई पर अनसिक्योर्ड कनेक्शन को आसानी से हैक कर सकते हैं, जो उपयोगकर्ताओं के लिए गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है।

व्यक्तिगत जानकारी भी हो सकती है लीक

पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क अक्सर सुरक्षा के मामले में कमजोर होते हैं। इनमें डेटा एन्क्रिप्शन की कमी होती है, जिससे हैकर्स आसानी से डेटा इंटरसेप्ट कर सकते हैं। ये साइबर अपराधी न सिर्फ व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं, बल्कि वित्तीय लेन-देन पर भी नजर रखते हैं। एक बार जब वे सेंशिटिव डेटा हासिल कर लेते हैं, तो वे अपराधी विभिन्न तरीकों से इसका दुरुपयोग कर सकते हैं, जैसे कि पहचान की चोरी या बैंक धोखाधड़ी।

डेटा चोरी की बढ़ी घटनाएं

सरकार ने इस स्थिति को लेकर लोगों को सलाह दी है कि वे पब्लिक वाई-फाई से जुड़ते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें। लेन-देन करते समय या व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करते समय ऐसे नेटवर्क का उपयोग न करना सबसे सुरक्षित है। सही सुरक्षा उपाय न करने से न केवल व्यक्तिगत डेटा की चोरी हो सकती है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को वित्तीय नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। पहले भी डेटा चोरी से संबंधित मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि आजकल साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर थानों के गठन किया गया है। पर इसके बावजूद भी ऐसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं।

इस प्रकार, पब्लिक वाई-फाई  (Public Wifi) का उपयोग करने से पहले उपयोगकर्ताओं को इसकी सुरक्षा खामियों को ध्यान में रखना चाहिए। सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करना और सावधानी बरतना आवश्यक है ताकि हम अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें। सुरक्षा उपायों के बिना पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करना एक बड़ा जोखिम है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

कुछ सेफ्टी टिप्स,जिनसे हो सकता है बचाव

भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आईएन) ने कुछ महत्वपूर्ण सेफ्टी टिप्स साझा किए हैं, जो सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। सीईआरटी-आईएन का इस अभियान का उद्देश्य जनता को जागरूक करना और उन्हें साइबर हमलों से बचाना है। इनमें से पहला टिप है कि कोई भी उपयोगकर्ता अनजान स्रोत से लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें। अक्सर साइबर क्रिमिनल्स ईमेल या संदेशों के माध्यम से फिशिंग अटैक करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को अपने निजी डेटा को साझा करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त की जाए।

दूसरा महत्वपूर्ण टिप है, सभी ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए लंबे और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना। कमजोर पासवर्ड साइबर हमलों का एक प्रमुख कारण बनते हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे पासवर्ड में अक्षरों, अंकों और विशेष प्रतीकों का एक संयोजन इस्तेमाल करें, जिससे कि उन्हें भेदना कठिन हो। तीसरा सुझाव है, नियमित रूप से महत्वपूर्ण फाइलों का बैकअप रखना। बाहरी ड्राइव पर बैकअप रखने से डेटा हानि के मामलों में सुरक्षा मिलती है, जैसे कि वायरस अटैक या हार्डवेयर फेलियर। यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है जो उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करता है।

ऐसी जगह पर सोशल मीडिया लॉग-इन करना भी जोखिम भरा

उचित सावधानी न बरती जाए तो ईमेल चेक करना या सार्वजनिक वाई-फाई (Public Wi-Fi Networks) पर सोशल मीडिया अकाउंट में लॉग इन करना जैसी सामान्य गतिविधियां भी जोखिम भरी हो सकती हैं। ऐसे वातावरण में डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है, क्योंकि यह अनधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए अवसर प्रदान कर सकता है। इस प्रकार, सीईआरटी-आईएन द्वारा साझा किए गए सेफ्टी टिप्स हमें यह समझाते हैं कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी जागरूकता और सावधानी का भी परिणाम है। सही जानकारी और प्रचलित सावधानियों का पालन करके, हम अपने आपको और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।

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