नगर कौंसिल के अधिकारियों ने मूंदी आंखें
- सरकारी संपति को नुक्सान पहुँचाने वाले के विरुद्ध पुलिस के पास नहीं की कोई लिखित शिकायत
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल)। नगर कौंसिल बरनाला के अधिकारियों का क्या कहना जो जनता के पैसों की सरेआम हो रही बर्बादी पर भी खामोश बैठे हैं, जबकि शहर में सरकारी संपति लगातार नुक्सानी जा रही है। अधिकारियों को दफ़्तर के नाक नीचे क्षतिग्रस्त बोर्ड ही दिखाई नहीं दे रहा जो मामले पर अज्ञानता प्रकट कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 2021 के अगस्त- सितम्बर महीने में नगर कौंसिल बरनाला द्वारा प्रधान गुरजीत सिंह रामणवासिया के नेतृत्व में तकरीबन 35 लाख रुपए का बजट का पास करते शहर के समूह 31 वार्डों में 465 साईन बोर्ड लगाए गए थे जो लोगों के लिए मौहल्लों, गलियों और बाजारों आदि की निशानदेही करते हैं। बेशक लगाए गए बोर्डों समीप ही पहले से लगाए गए साईन बोर्ड सही हालत में मौजूद थे। परन्तु पिछले साल ही लगाए गए इन नये बोर्डों की हालत आज दयनीय बनी हुई है।
साईन बोर्ड की पाईपें चाहे संबंधित जगह पर मौजूद हैं। परन्तु गलियों, रास्तों की निशानदेही करने वाला बोर्ड का लिखित हिस्सा गायब हो चुका है जबकि कुछ बोर्ड लटकते हुए अपना फर्ज निभा रहे हैं। साईन बोर्डों का इस तरह 8 महीनों के बाद ही टूट जाना किसी साजिश का हिस्सा लग रहा है क्योंकि साईन बोर्डों की पाईपें अपनी-अपनी जगह पर सही सलामत हैं, परन्तु लिखित हिस्सा ज्यादातर बोर्डों से लुप्त हो चुका है या होता जा रहा है। चलते काम दौरान ही कुछ कौंसलरों ने इस साईन बोर्ड मामले में बड़ा घपला होने का खुलासा भी किया था। परन्तु मामूली शोर होने के बाद मामला किसी सरकारी दफ़्तर के कोने में पड़े किसी ठंडे बस्ते में दब कर रह गया है। उस समय नगर कौंसिल प्रधान रामणवासिया सहित समूह काऊंसलरों द्वारा प्रति साईन बोर्ड का सरकारी रेट 7400 रुपए होने का दावा किया गया था। परन्तु हू-ब-हू साईन शायन बोर्ड एक काऊंसलर द्वारा सिर्फ 2250 रुपए में तैयार करवाकर दिखाए जाने के बाद उक्त अधकारियों द्वारा सरकारी भाव लगाने में ‘’भुलेखा पै गिया सी’ कह कर पैर पीछे खींच लिए गए।
दफ़्तर के नाक नीचे क्षतिग्रस्त हुए बोर्ड से अधिकारी अनजान
साईन बोर्डों के नुकसाने जाने संबंधी चाहे नगर कौंसिल के अधिकारी अज्ञानता प्रकट कर रहे हैं। परन्तु नगर कौंसिल दफ़्तर से करीब 20 -25 मीटर की दूरी पर ही वार्ड नंबर-7 की गली नंबर 1 पर लगा बोर्ड में से भी लिखित हिस्सा गायब है। सोचने वाली बात है कि क्या दफ़्तर के समीप ही क्षतिग्रस्त हुआ बोर्ड कौंसिल अधिकारियों को नजर नहीं आया। यदि नजर आया तो कार्रवाई के लिए कोई हल क्यों नहीं किया गया।
पैसा जनता का, हमें क्या परवाह
साईन बोर्ड टूट जाने के कारण बेशक जनता के पैसे की बरबादी हो रही है। जिसकी संबंधित कौंसिल के अधिकारियों को शायद रत्ती भर भी परवाह नहीं। शायद यही कारण है कि नगर कौंसिल बरनाला के अधिकारियों द्वारा टूटे या टूट रहे साईन बोर्डों के संबंध में आगे वाली कोई भी कानूनी कार्रवाई अमल में न लाए जाने पुष्टि हुई है। जनता के पैसों की बर्बादी शायद नगर कौंसिल के अधिकारियों के लिए कोई खास मायने नहीं रखती। इसी के चलते कौंसिल अधिकारियों द्वारा अभी तक पुलिस के पास कोई भी शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई।
जरूरी नहीं फोन सुनना
मामले संबंधी पक्ष जानने के लिए जब प्रधान गुरजीत सिंह रामणवासिया के मोबाईल पर पहली बार संपर्क किया तो उन्होंने फोन उठाना जायज नहीं समझा। दूसरी बार लगाने पर ‘नंबर मौजूद नहीं’ सुनाई देने लगा।
रिपोर्ट आई तो करेंगे शिकायत : मोहित शर्मा
मोहित शर्मा ईओ नगर कौंसर बरनाला ने फोन कर बताया कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं पहुंची है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होती है वह अज्ञात असामाजिक तत्वों के विरुद्ध पुलिस के पास शिकायत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह टूट चुके बोर्डों सम्बन्धित रिपोर्ट तैयार करवाने के बाद संबंधित ठेकेदार को फिर नये बोर्ड लगवाने के लिए कहेंगे।
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