शहीद हुए बहादुर सैनिकों की शहादत पर गर्व

सैन्य अधिकारियों ने परिजनों को दी थी शहीद होने की खबर, शहीद सैनिकों के क्षेत्रों में मातम का माहौल

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। भारत और चीन सीमा पर चीनी सैनिकों से मुठभेड़ में पंजाब के चार सपूत शहीद हो गए। चीनी सैनिकों से झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों में पटियाला के मनदीप सिंह, गुरदासपुर के सतनाम सिंह, संगरूर के गुरविंदर सिंह औा मानसा के जवान गुरतेज सिंह शामिल हैं। इन वीरों की शहादत से पंजाब में मातम का माहौल है। इससे पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है। बता दें कि चीनी के सैनिकों ने विश्वासघात करते हुए नुकले हथियारों से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था।

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मानसा: तीन भाइयों में सबसे छोटा था गुरतेज सिंह

शहीद गुरतेज सिंह मानसा के गांव बीरे वाला डोकरा के रहनेवाले थे। गुरतेज सिंह की शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। शहीद गुरतेज सिंह परिवार में माता-पिता और तीन भाई हैं। वह परिवार में सबसे छोटा थे। उनके भाई की अभी कुछ दिन पूर्व ही शादी हुई थी। गुरतेज सिंह भारत-चीन सीमा पर तनाव के कारण शादी समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। गांव में उनके परिवार के पास करीब तीन एकड़ जमीन है। उनका पार्थिव शरीर आने में शायद एक-दो दिन लग जाएंगे।

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परिवार के लोगों को आज सुबह ही गुरतेज सिंह की शहादत का पता चला। इसके बाद स्वजनों का हाल बुरा हो गया। शहीद गुरतेज के माता-पिता का बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार, शहीद गुरतेज सिंह की पार्थिव शरीर वीरवार शाम 7:00 बजे के करीब आने की संभावना बताई गई है। गुुरतेज सिंह अभी अविवाहित थे। वह सेना की सिख रेजीमेंट में करीब ढाई साल पहले भर्ती हुई थी। उनके बड़े भाई की शादी कुछ दिन पूर्व हुई थी और वह सुबह गुरुद्वारा सेदेवाला में माथा टेकने आए हुए थे। इसी दौरान उनको गुरतेज की शहादत की खबर मिली तो वह तुरंत अपने घर पहुंच गए।

शहीद के 2 बच्चे हैं, वहीं छोटा भाई सुखचैन सिंह भी फौज में सूबेदार

चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारत मां के 20 लाडलों में से एक नाम गुरदासपुर के सतनाम सिंह का भी है। शहादत की खबर के बाद पूरे गांव ही नहीं, आसपास के इलाके और पूरे पंजाब में शोक की लहर है। वहीं छोटे भाई (जो खुद एक फौजी है) का भी खून खौल उठा है। उसका कहना है कि अगर वक्त मिला तो भाई की शहादत का बदला जरूर लिया जाएगा। सोमवार की रात चीनी सैनिकों द्वारा धोखे से किए गए नुकीले हथियारों के हमले में शहीद हुए नायब सूबेदार सतनाम सिंह गुरदासपुर जिले के गांव भोजराज से आते हैं।

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उनके सिर पर गंभीर चोट लगने की वजह से वह दुश्मन से लोहा लेते हुए दम तोड़ गए। शहीद के 2 बच्चे हैं, वहीं छोटा भाई सुखचैन सिंह भी फौज में फौज में सूबेदार है। शहीद के भाई सुखचैन सिंह ने बताया कि उन्हें कल फोन आया था, जिसमें बड़े भाई की सिर में चोट लगने से शहीद हो जाने की सूचना मिली। जब से पता चला है भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह खुद भी देश के सिपाही हैं और अगर मौका मिला तो अपने भाई की शहादत का बदला जरूर लेंगे।

नवंबर में होनी थी शहीद गुरविंदर की शादी

जिला संगरूर के सुनाम के गांव तोलावाल निवासी नायब सिपाही गुरविंदर सिंह की खबर के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। शहीद जवान के घर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। भारतीय सेना के प्रतिनिधियों की ओर से बुधवार को सुबह साढ़े छह बजे गुरविंदर के शहीद होने की सूचना दी गई। वीरवार शाम तक शहीद गुरविंदर का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचेगा।

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दो भाई व एक बहन में सबसे छोटे गुरविंदर सिंह की करीब तीन माह पहले ही सगाई हुई थी और नवंबर माह में शादी होनी थी। शहीद जवान के पिता का नाम लाख सिंह है और माता का नाम चरणजीत कौर है। गुरविंदर दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था और इन दिनों लद्दाख में बॉर्डर पर तैनात था। पिता लाभ सिंह ने बताया कि नजदीकी गांव उभावाल में उसकी सगाई बड़े चाव से की गई थी और नवंबर में गुरविंदर के ड्यूटी से लौटने पर शादी भी धूमधाम से करनी थी। लेकिन सभी अरमान धरे के धरे रह गए।

 

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