रोष प्रदर्शन करते हुए किसानों ने लगाया जाम

protest

2 दिन से धानमंडी में सरसों की खरीद न होने पर गुस्साए किसान

रावतसर, सच कहूँ न्यूज । एक ओर जहां शुक्रवार की दोपहर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत श्रीगंगानगर में किसानों की बात करते हुए (protest) जनसभा सम्बोधित कर रहे थे। तो वही दूसरी तरफ क्षेत्र के किसान धानमंडी में सरसों की बोली न होने को लेकर हाइवे पर जाम लगवाए हुए थे। किसानों का आरोप था कि 2 दिनों से धानमंडी में सरसों की प्राइवेट रूप से बोली नहीं होने के चलते गुरूवार की रात आई बारिश से धानमंडी प्रागंण में खुली में पड़ी उनकी सरसों भीग गई।

किसान करीब 15 से 20 मिनट तक सरदारशहर रोड भादू पम्प के सामने हाइवे पर जाम लगाए रहे। ऐसे में वाहनों की लम्बी कतारें भी दोनों ओर लग गई। लेकिन जाम के बाद भी प्रशासनिक रूप से कोई अधिकारी किसानों से वार्ता करने के लिए नहीं पहुंचा। बल्कि कुछ देर में ही पुलिस ने पहुंचकर किसानों को तीतर-बीतर कर दिया। वही किसानों के विरोध प्रदर्शन का इतना असर तो रहा कि कुछ देर में ही धानमंडी में सरसों की प्राइवेट बोली शुरू हो गई।

सरसों से अटी मंडी किसान परेशानरू प्राइवेट रूप से सरसों खरीद में 2 दिन बोली बंद रहने से धानमंडी इन दिनों सरसों की भारी आवक के साथ अटी पड़ी है। सभी शैड व दुकानों के पिड सरसों से भरे है। ऐसे में 2 दिनों से मंडी में बैठा किसान भी परेशान था। वही व्यापारियों से बात की गई तो व्यापारियों ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। सरसों की बोली की जा रही है। कल रात्रि बारिश के चलते सरसों भीग गई थी। ऐसे में नमी ज्यादा होने के कारण सरसों के सुखने तक बोली को रोका गया था।

सरकार भी वादाखिलाफ किसानों सेरू इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ भी काफी रोष दिखा। क्षेत्र के खैदासरी गंधेली रामपुरा मटोरिया के किसानों ने आरोप लगाया कि सरसों की सरकारी खरीद के नाम पर सरकार किसानों के साथ मजाक कर रही है। आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन में बेवजह की टोकन प्रक्रिया व पूरी जमीन की गिरदावरी रिपोर्ट जैसे कागजातों की माथापच्ची में किसान सरकारी खरीद का लाभ नहीं उठा पा रहा है। तो वही खरीद को लेकर 25 क्विंटल निर्धारितरता भी किसानों के गले नहीं उतर रही है।

गंधेली के किसान अमनदीप का कहना है कि करीबन प्रति बीघा 4 से 7 क्विंटल सरसों की पैदावार होती है। ऐेसे में 10 बीघा वाले किसान के 6 क्विंटल प्रति बीघा के मुताबिक होने वाली 60 क्विंटल सरसों में से मात्र 25 क्विंटल ही सरकार खरीदती है। शेष 35 क्विंटल सरसों प्राइवेट रूप में बेचनी पड़ती है। वही आपको बता दे कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी रूप में 40 क्विंटल खरीद की बात कही थी। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री की बात घोषणा तक ही सीमित है।

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