वेश्याओं को बनाया बेटियां और करवाई उनकी शादियां

REHABILITATION OF PROSTITUTES

Shubh Devi: समाज में सर उठाकर जीने का मिला हक

  • वेश्याओं के जीवन में आया क्रांतिकारी बदलाव | Life Transformation of Sex Workers

चंडीगढ़। जैसा की आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक उपलब्धियों, महिलाओं को आत्मरक्षा और महिलाओं को सशक्तिकरण (REHABILITATION OF PROSTITUTES) के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

इस विशेष अवसर पर ‘सच कहूँ’ Sach Kahoon महिला उत्थान के विभिन्न कार्यों व उन कार्यों से आए सामाजिक बदलाव की सच्ची कहानियां आपके रूबरू कराएगा। वेश्यावृति शब्द सुनते ही जहन में बुराई से जुड़ी धारणाएं सामने आ खड़ी होती हैं। इस धंधे में लिप्त युवतियों व महिलाओं को समाज में घृणा का पात्र समझा जाता है।

यानि वेश्यावृति समाज में एक अभिशाप मानी जाती है। डेरा सच्चा सौदा ने समाज में सबसे पहले ऐसी मुहिम शुरू की जिसमें मजबूरीवश वेश्यावृति में फंसी युवतियों को पुन: समाज की मुख्यधारा में लाने (Rehabilitation of sex workers) का सराहनीय प्रयास किया गया। पूज्य गुरू जी ने मुख्यधारा में लौटने वाली ऐसी लड़कियों को अपनी बेटी का दर्जा दिया जाता है।

यही नहीं, इस दलदल में निकलने का साहस दिखाने वाली लड़कियों का डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) की ओर से मुफ्त में जांच व इलाज करवाया जाता है और उसके बाद उन्हें समाज का अभिन्न अंग मानते हुए उनका विवाह भी करवाया जाता है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 9 नवंबर 2009 को शाह सतनाम जी धाम, बरनावा (यूपी) में आयोजित पावन भंडारे के अवसर पर इस मुहिम की शुरूआत की।

जानें, कैसे बने ‘भक्तयोद्धा’ | Bhagat Yodha

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हर लड़की चाहती है कि उसकी शादी बडे ही धूमधाम से हो, घर बसे और एक अच्छा इज्जतदार परिवार मिले लेकिन कुछ ऐसी बदनसीब लड़कियां भी जिनके सपने सच होने से पहले टूट जाते हैं। उनके लिए शादी-ब्याह एक सपने की तरह है। उनके दिन की शुरूआत ग्राहकों की बोली के साथ होती है तो सांझ आसूओं की बरसात से। हम बात कर रहे हैं देश के कई शहरों में स्थित बदनाम गलियों में रहने वाली बदनसीब वेश्याओं की जहां किसी को वक्त और हालात खींच ले गए तो कोई यहां मजबूरीवश आ फंसी।

कई ऐसी भी बदनसीब जिन्हें इस नर्कमय हालात में जबरन धकेल दिया गया तथा वे बाहर नहीं निकल पाई। मानवता भलाई कार्यों में अग्रणीय सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बदनसीबों का दर्द समझा और इन्हें अपनी बेटियां बनाते हुए ‘शुभ देवी’ Shubh Devi के पावन खिताब से नवाज दिया। यही नहीं पूज्य गुरु जी ने इनके उस सपने को भी पूरा किया जिसकी उन्होंने आस ही छोड़ दी थी। पूज्य गुरु जी केएक आह्वान पर 1500 से भी अधिक नौजवान इन शुभदेवियों से शादी करने को तैयार हो गए। पूज्य गुरु जी ने इन युवाओं को भक्तयोद्धा के पावन खिताब से नवाजा।

अब तक ऐसी 19 लड़कियों की शादी हो चुकी है | REHABILITATION OF PROSTITUTES

गौरतलब है कि अब तक ऐसी 19 लड़कियों की शादी हो चुकी है जो ऐसे नरकीय जीवन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटी हैं। यही नहीं, ऐसी लड़कियों के जीवन का सहारा बनने के लिए भी डेरा सच्चा सौदा के जुड़े युवाओं का आगे आना भी अपने आप में एक मिसाल है। अब तक 1500 से ज्यादा लड़के मुख्यधारा में लौटने वाली इन लड़कियों से शादी करने के लिए लिखित में प्रण ले चुके हैं, जो समाज के लिए गर्व की बात है।

पूज्य गुरु जी ने अपनी नेक कमाई में से देते हैं 25 हजार रुपये का आर्थिक चेक | REHABILITATION OF PROSTITUTES

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‘मर्दानी भक्त वीरांगना’ मुहिम के तहत शादी करने वाले नवविवाहित दंपत्ति को भी पूज्य गुरु जी अपने नेक व कड़ी मेहनत की कमाई में से 25 हजार रुपये का आर्थिक सहायता का चेक भी अपने पावन कर-कमलों से प्रदान करते हैं।

वेश्यावृत्ति रूपी दलदल में धंसी महिलाएं इस जलालत भरी जिंदगी को छोड़ दें और डेरा सच्चा सौदा आ जाएं। हम उन्हें अपनी बेटियां बनाएंगे, उनका इलाज करवाएंगे और यही नहीं उनकी भक्तयोद्धाओं से शादियां भी करवाएंगे। वेश्यावृत्ति छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली इन बेटियों को हमने ‘शुभ देवी’ का खिताब दिया है। ये जिस भी घर जाएंगी वहां केवल शुभ ही शुभ होगा।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

 

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