नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। आयकर विभाग ने खनन, चीनी उत्पादन और शराब के कारोबार में शामिल एक समूह के खिलाफ एक छापामारी कर मध्य प्रदेश में नौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। विभाग ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गत 14 जुलाई को यह कार्रवाई की गयी थी। इस समूह का प्रमुख व्यक्ति एक राजनीतिक पद पर है। इस अभियान के तहत मध्य प्रदेश और मुंबई स्थित कई परिसरों में छापामारी की कार्रवाई की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में दोषी ठहराने योग्य दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य प्राप्त हुए हैं और उन्हें जब्त किया गया। बालू खनन व्यवसाय के जब्त साक्ष्यों के विश्लेषण से पता चलता है कि यह समूह नियमित खाता-बही में बिक्री दर्ज नहीं करके कर चोरी में शामिल रहा है।
डिजिटल साक्ष्य के अनुसार वास्तविक बिक्री समकालीन महीनों की बिक्री की तुलना में साफ तौर पर 70 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री बड़े पैमाने पर नियमित छिपाव को दिखाती है। वहीं, ऐसी बेहिसाब बिक्री पर रॉयल्टी का भुगतान न करने के साक्ष्य भी मिले हैं। इसके अलावा समूह ने अन्य व्यावसायिक सहयोगियों को नकद में 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का भुगतान किया है, जो कि नियमित खाता-बही में दर्ज नहीं है। वहीं, चीनी उत्पादन व्यवसाय के मामले में भंडार में अंतर से संबंधित मामलों का भी पता चला है।
क्या है मामला
इस छापामारी के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों से पता चला है कि कुछ बेनामीदारों को बालू खनन का कारोबार करने वाली एक कंपनी में भागीदार बनाया गया है और उन्होंने अपने आयकर रिटर्न में लाभ की घोषणा भी की है। हालांकि, वास्तव में धनराशि उनके द्वारा समूह के लाभकारी मालिक को हस्तांतरित किया जा रहा था। इस छापामारी के दौरान एक ऐसे बेनामीदार ने अपने बयान में केवल एक वेतनभोगी कर्मचारी होने की बात स्वीकार की है, जिसे न तो व्यवसाय के मामलों की कोई जानकारी थी और न ही ऐसे व्यवसाय से उसे कोई लाभ प्राप्त हुआ था। अब तक की गई छापामारी की कार्रवाई में नौ करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
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