कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के खजांची जय कांत वाजपेई की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, कुर्की के आदेश से डरे जय कांत बाजपेई के तीनों भाइयों ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर किया तो वही देर रात जय कांत की संपत्ति को जब्त करने के आदेश जिला मजिस्ट्रेट ने जारी कर दिये । पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिन्दर सिंह ने आज यहां कहा कि जय कांत वाजपेई की 11 संपत्तियां को जब्त करने का आदेश दिया गया है। जय कांत वाजपेई की गिरफ्तारी के बाद से लगातार पुलिस उसके जहां पुराने मामलों की जांच कर रही थी तो वही दबंगई के बल पर अर्जित की गई संपत्ति की भी जानकारी कर रही थी। पुलिस ने जय कांत के ब्रह्मनगर के घर, फ्लैट, प्लॉट, चार लग्जरी कारें, बाइक समेत 11 संपत्तियों को जब्त करने की जिला मजिस्ट्रेट से सिफारिश की थी। जिस पर देर रात जिला मजिस्ट्रेट ने मोहर लगाते हुए जब्ती का आदेश जारी कर दिया ।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा जिला मजिस्ट्रेट,कानपुर नगर को एक रिपोर्ट प्रेषित की गयी थी,जिस पर जिला मजिस्ट्रेट,कानपुर नगर द्वारा जयकान्त बाजपेयी एवं उसके साथियों द्वारा अवैध साधनों द्वारा धन अर्जित कर चल-अचल सम्पत्ति को अटैच करने का आदेश कल देर रात पारित कर दिया । गौरतलब है कि बिकरू कांड में आठ पुलिस वालों की हत्या करने के बाद मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार हो गया था लेकिन कुछ दिन बाद पुलिस मुठभेड़ में मारा भी गया1 इसी दौरान पुलिस के हाथ अपराधी विकास दुबे का खजांची जय बाजपेई लगा। कड़ी पूछताछ के बाद पुलिस को यह जानकारी हुई थी कि अपराधी विकास दुबे के फाइनेंस का सारा काम यही संचालित करता था और घटना की रात भी इसने विकास की मदद की थी।
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