श्रीनगर (एजेंसी) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि जिन लोगों ने स्वेच्छा से आतंकवादियों (Terrorists) को पनाह दी है, उनकी अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी। पुलिस ने गुरूवार 24 मार्च को यहां घोषणा की कि उसने उन अचल संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिनका इस्तेमाल ‘आतंकवाद के उद्देश्य के लिए’ किया गया है।
पुलिस ने श्रीनगर जिले में एक दर्जन से अधिक घरों की पहचान की, जिनका उपयोग 2020 और 2021 के दौरान ‘आतंकवाद के उद्देश्यों’ के लिए किया गया था। पिछले तीन दशकों में, आतंकवादी अक्सर आश्रय के लिए स्थानीय घरों पर निर्भर रहे हैं। कश्मीर में ज्यादातर मुठभेड़ ऐसे ही घरों में होती हैं।
पुलिस के एक बयान में कहा गया, ‘श्रीनगर पुलिस आतंकवादियों (Terrorists) को जानबूझकर पनाह देने और दबाव में किए जाने के बीच के अंतर से अच्छी तरह वाकिफ है। उन्होंने कहा, ‘जो कुर्की की जा रही है वे उन संपत्तियों को लेकर संदेह नहीं बचा है कि घर के मालिक या सदस्य ने ज्यादातर मामलों में एक साथ कई दिनों तक जानबूझकर पनाह दी या ऐसा किसी दबाव के चलते किया।
बयान में कहा गया कि कुर्की की कार्यवाही हमेशा किसी भी मामले में जांच प्रक्रिया आखिरी चरणों में होने के बाद होती है। बयान में कहा गया, ‘जानकारी के अभाव में कुछ लोग इसे किसी तरह के जबरन प्रवर्तन के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह एक तथ्य है कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 2 (जी) और 25 दशकों से प्रचलन में हैं और ये कुछ हालिया जोड़ नहीं हैं जैसा कि कुछ अफवाह फैलाने वालों ने दावा किया है।
बयान में कहा गया, ‘कानून की इन धाराओं को लागू करने का निर्णय इस तथ्य को ध्यान मे रखते हुए किया गया हैकि कि आतंकवाद के कई समर्थक श्रीनगर शहर में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले करने वाले आतंकवादियों को जानबूझकर सुरक्षित पनाह प्रदान कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि किसी भी घर में आतंकवादियों (Terrorists) के जबरन प्रवेश के मामले में, घर के मालिक या दबाव का दावा करने वाले किसी अन्य सदस्य को समय पर अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
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