नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के प्रवक्ता लगातार अर्थव्यवस्था में सुधार की बात कर रहे हैं लेकिन इसका असर जमीन पर कहीं नजर नहीं आ रहा है और कुछ ही चुनिंदा पूजी पतियों को इसका लाभ मिल रहा है। श्रीमती गांधी ने बुधवार को यहां संसद के केंद्रीय कक्ष में कांग्रेस संसदीय पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ शेयरों के दाम बढ़ना और चंद कंपनियों को फायदा होना ना अर्थवयवस्था में सुधार है और ना ही यह किसी तरह की आर्थिक प्रगति नहीं है। उनका कहना था कि आम आदमी को विकास का लाभ नहीं मिल रहा है, बेरोजगारी चरम पर है और लोगों का काम धंधा चौपट पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं कर रही है बल्कि बैंक, इंश्योरेंस कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, रेल, एयरपोर्ट आदि को बेच रही है और उससे पैसा जुटा रही है।
पिछले सात दशकों के दौरान मेहनत से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को खड़ा किया गया है लेकिन मोदी सरकार इन्हें ध्वस्त करने में लगी हुई है और सरकारी कंपनियों को अनान फानन में बेचा जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी लागू की थी तो उसी समय से देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त होना शुरू हो गई थी और वह अब तक नहीं समझ पाई है। अर्थ्यवस्था में तेजी से सुधार के सरकार के दावे निरर्थक हैं । उन्होंने सवाल किया कि यह जानना जरूरी है कि यह सुधार किसके लिए हो रहा है। उन्होंने महंगाई को आम लोगो कि कमर तोड़ने वाला बताया और कहा कि सरकार इस रोकने मै असफल हो रही है। उन्होंने हाल में तेल के दम घटाने को अपर्याप्त बताया और कहा कि कीमतें आम आदमी की पहुंच में होना आवश्यक है।
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