भिलाई/रायपुर। आईआईटी भिलाई अगस्त 2016 में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के साथ शुरू हुआ, लेकिन अब तक यहां आईआईटी हैदराबाद की फैकल्टी के सहारे पढ़ाया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि आईआईटी हैदराबाद से रोज 3-3 प्रोफेसर फ्लाइट से रायपुर आए। 10 माह में उनके आने-जाने पर करीब 90 लाख रुपए खर्च हुए। एक साल बीतने के बाद अब आईआईटी भिलाई को खुद की फैकल्टी मिलेगी।
10 स्टूडेंट पर एक फैकल्टी
आईआईटी भिलाई में हर 10 विद्यार्थियों पर एक टीचर होगा। इस हिसाब से नए सेशन में फर्स्ट व सेकंड सेमेस्टर, एमटेक और पीएचडी में 250 विद्यार्थी होंगे। तीनों ब्रांच के लिए 25 फैकल्टी की भर्ती होगी। मैनेजमेंट ने 30 अप्रैल तक आवेदन मंगाए थे। सीएस और आईटी के लिए ज्यादा आवेदन मिले हैं।
इसके लिए 20 जून से इंटरव्यू शुरू होंगे। सीएस ब्रांच की फैकल्टी के लिए 10 उम्मीदवार अपीयर भी हो गए हैं। हफ्तेभर की प्रक्रिया के बाद इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल ब्रांच के लिए इंटरव्यू होंगे।
प्रत्येक फ्लाइट टिकट 15 हजार की
आईआईटी हैदराबाद, भिलाई आईआईटी की मेंटर है। इसकी वजह से यहां से महीने में 20 दिन तीन-तीन प्रोफेसर रायपुर आते रहे। हर के फ्लाइट में 15000 रुपए खर्च होते थे। तीन प्रोफेसरों के आने-जाने में हर दिन 45 हजार रुपए खर्च हुए। इस तरह हर महीने नौ लाख रुपए खर्च किया गया। 10 महीने में यह राशि 90 लाख रुपये होती है। प्रोफेसरों के आने-जाने का खर्च मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उठाया।
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