Pink Caterpillar Management: प्रो. काम्बोज ने गुलाबी सुंडियों की रोकथाम को बताया गुलाबी सुण्डी के प्रबंधन का तरीका

Hisar News
Pink Caterpillar Management: कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज बैठक की अध्यक्षता करते हुए।

Pink Caterpillar Management: हिसार (सच कहूँ/श्याम सुन्दर सरदाना)। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फ्लैचर भवन में बीटी कपास में गुलाबी सुण्डी के प्रकोप एवं प्रबंधन विषय पर हितधारकों की प्री-सीजन रिव्यू मीटिंग आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की। इस मीटिंग में हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों, कपास से जुड़ी बीज कंपनियों, प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया व कपास की फसल की आगामी स्थिति पर मंत्रणा कर रणनीति तैयार की। Hisar News

किसान खेत में न रखे नरमे की बंछटियां

कुलपति प्रो.बी.आर. काम्बोज ने कहा कि गत वर्ष सभी के सहयोग से गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास की फसल को बचाने में कामयाबी मिली। उन्होंने बताया वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में गुलाबी सुंडी का प्रकोप 76 प्रतिशत से घटकर 26 प्रतिशत रहा।

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गुलाबी सुंडी के निरीक्षण हेतु अधिकारियों की लगी ड्यूटी

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए किए जा रहे प्रबंधन एवं शोध कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक (कपास) डॉ. आर.पी.सिहाग ने कपास की फसल को सुंडी के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा किसानों के खेतों में नरमा फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप का निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी। Hisar News

प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभवों को किया साझा

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से डॉ. विजय कुमार, एसके राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बीकानेर से डॉ. एनके शर्मा, कॉटन कारपोरेशन आॅफ इंडिया से बृजेश कसना, सीआईसीआर सिरसा से डॉ. ऋषि कुमार, हरियाणा के कपास उत्पादक जिलों के डिप्टी डायरेक्टर आॅफ एग्रीकल्चर ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक में राशी सीड्स, अंकुर सीड्स, अजीत सीड्स, बायों सीड्स तथा रैलीस सीड्स के प्रतिनिधि भी शामिल हुए और उन्होंने अपने सुझाव भी दिए। प्रदेश के कपास उत्पादक जिलों के प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभवों को साझा किया। समीक्षा बैठक में मंच संचालन का कार्य सूत्रकृमि विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल वत्स ने किया। Hisar News

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