सरसा सुनील वर्मा। सरकारी स्कूलों में दाखिला के लिए निजी स्कूलों से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट की आवश्यकता समाप्त करने के हरियाणा सरकार के आदेश के खिलाफ निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा रविवार को की। निजी स्कूलों की यहां आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में उपस्थित स्कूल प्रबंधकों व प्राचार्यों ने स्कूली शिक्षा विभाग के पंद्रह जून के आदेश को अव्यवहारिक और हरियाणा शिक्षा नियमावली के दाखिला संबंधी नियमों की उल्लंघना करार दिया। उन्होंने कहा कि इसका अनुचित लाभ वह अभिभावक उठाएंगे जो बच्चों की फीस नहीं जमा करा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना संकट के कारण आर्थिक परेशानियों का दंश झेल रहे निजी स्कूलों पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल बेवजह एसएलसी देने से मना करता है, तो शिक्षा विभाग उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है पर उक्त आदेश ठीक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 और लॉकडाऊन के बाद निम्न वर्ग से लेकर मध्य वर्ग की भी आय बुरी तरह प्रभावित होने के बाद अचानक हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिला चाहने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है और आरोप था कि निजी स्कूल छात्रों को स्कूल लीविंग सर्टीफिकेट देने में आनाकानी कर रहे थे। हाल में सरकार ने इस आशय का आदेश जारी किया कि सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए स्कूल लीविंग सर्टीफिकेट आवश्यक नहीं है।
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