थाने के समक्ष जेल प्रहरी का शव रखकर घेरा पुलिस थाना

Prison Sentinel's body in front of the police station

थाना प्रभारी को सस्पेंड करने व स्टाफ को लाइन हाजिर करने की मांग पर अड़े

  •  दोनों मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर भड़का आक्रोश

हनुमानगढ़, सच कहँ न्यूज। जानलेवा हमले में गंभीर जख्मी हुए जेल प्रहरी की इलाज के दौरान मौत होने का मामला गुरुवार को गर्मा गया। मामले में नामजद दोनों मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में ग्रामीणों ने थाने के समक्ष शव रखकर नोहर पुलिस थाने का घेराव शुरू कर दिया। मृतक के परिजन व ग्रामीणों ने आरोपितों के साथ पुलिस की संलिप्तता होने का आरोप लगाते हुए मामले के जांच अधिकारी खुईयां थाना प्रभारी को सस्पेंड करने व खुईयां थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर करने की मांग की।  इसके अलावा मृतक को शहीद का दर्जा देने व परिवार को दस लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग पर ग्रामीण अड़ गए।

दोपहर समाचार लिखे जाते समय तक थाने का घेराव जारी था और जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत सहित पुलिस के उच्चाधिकारी ग्रामीणों से समझाइश के प्रयासों में जुटे थे। मौके पर कई थानों का पुलिस जाब्ता तैनात था। जानकारी के अनुसार हमले में गंभीर रूप से जख्मी हुए नोहर जेल के प्रहरी सुखदास (30) पुत्र रामप्रताप स्वामी निवासी खुईयां का हनुमानगढ़ टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय में करीब 12-13 दिन तक इलाज चला।  इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार होने पर सुखदास स्वामी को दस मई को जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को अचानक सुखदास स्वामी की तबीयत खराब हो गई तथा ब्लड प्रेशर कम हो गया। उसे परिजन तत्काल नोहर के राजकीय अस्पताल लाए लेकिन इलाज के दौरान रात करीब आठ बजे सुखदास स्वामी की मौत हो गई।  सूचना मिलने पर खुईयां थाना प्रभारी सुरेश मील अस्पताल पहुंचे तथा शव को मोर्चरी में रखवा दिया। गुरुवार सुबह पुलिस पोस्टमार्टम करवाने अस्पताल पहुंची तो ग्रामीणों व परिजनों ने मना कर दिया। वे एकत्रित होकर सुबह करीब नौ बजे नोहर पुलिस थाने पहुंचे और घेराव शुरू कर दिया।

करीब एक घंटे बाद दस बजे सुखदास स्वामी का शव भी थाने के समक्ष लाकर रख घेराव-प्रदर्शन जारी रखा। पंचायत समिति पूर्व उपप्रधान रामकुमार स्वामी, जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी, पूर्व तहसीलदार गोवर्धनदास स्वामी आदि के नेतृत्व में विरोध दर्ज करा रहे ग्रामीणों ने कहा कि खुईयां थाना प्रभारी व नोहर डीएसपी यह कहकर आश्वासन देते रहे कि पुलिस आरोपितों के काफी करीब है। उनकी लोकेशन का पता है। लेकिन करीब 25 दिन बाद भी पुलिस ने नामजद मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस सुखदास के परिवार को गुमराह करती रही।

  • ग्रामीणों ने यह रखी मांगें

उन्होंने हत्या प्रयास के मामले में हत्या की धारा 302 जोड़ने के अलावा मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार करने, खुईयां थाना प्रभारी को अपराधियों को संरक्षण देने के अपराध में सस्पेंड करने व उनके थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर करने, मृतक को शहीद का दर्जा देने, मृतक के परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता करने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर कार्रवाई कर मृतक जेल प्रहरी सुखदास स्वामी को न्याय नहीं दिलाया गया तो उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्य आरोपित पकड़े नहीं जाते तब तक वे मृतक का दाह संस्कार भी नहीं करेंगे।

  • एसपी-एएसपी पहुंचे, पुलिस थाना छावनी में तब्दील

जेल प्रहरी के शव के साथ ग्रामीणों के थाने का घेराव करने की सूचना से पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। सूचना मिलने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत, हनुमानगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रेश कुमार गुप्ता, भादरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार मीणा, नोहर के पुलिस उप अधीक्षक अत्तर सिंह पूनिया थाने पहुंचे तथा आक्रोशित ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए।

इस दौरान ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल की जिला पुलिस अधीक्षक से वार्ता हुई। वार्ता में एसपी ने ग्रामीणों को आश्वस्त करने के साथ जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में तीन जनों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवाया जा चुका है। मुख्य आरोपितों की तलाश में गठित टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। उनकी गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। वार्ता में नोहर थाना प्रभारी विक्रमसिंह भी मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत थाने को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया। दोपहर तक नोहर थाने में पुलिस उच्चाधिकारी डटे हुए थे तथा ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास जारी थे।

 

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