नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दोहराया कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित सरकार है और गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि सुधार जरूरी है। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कि देश में 12 करोड़ किसानों के पास दो एकड़ से भी कम भूमि है और उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का कोई लाभ नहीं मिल पाता है।
सरकार का इरादा इन किसानों तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार हमेशा से ही पिछली सरकारों की भी प्राथमिकता में रहे हैं। उन्होंने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और चौधरी चरण सिंह का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए। कोई कानून अंतिम नहीं है। इनमें सुधार की व्यापक गुंजाइश होती है और बाद में भी सुधार हो सकेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक बार कानूनों के लागू हो जाने के बाद, इनमें जो भी कमी होगी, वह दूर कर ली जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी था, एमएसपी हैं और एमएसपी रहेगी।
सुधारों को मौका दें और सभी मिलकर देश को आगे बढ़ायें: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि सुधारों से जुड़े कानूनों को देश तथा किसानों के उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी बताते हुए आज विपक्षी दलों, विभिन्न संगठनों और आंदोलनकारियों से अच्छे सुझाव देने तथा बातचीत के जरिये मिलकर मुद्दे का समाधान कर देश को आगे बढ़ने देने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार कृषि क्षेत्र तथा देश के उत्थान के लिए बेहद जरूरी हैं इसलिए किसी को भी देश तथा विशेष रूप से आंदोलनकारियों को गुमराह नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें समझाना चाहिए साथ ही देश के विकास में बाधा बनने वाले लोगों को पहचानने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के सभी संशोधनों को नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्ष के सर्वश्री तिरूचि शिवा, एम षणमुगम , दीपेन्द्र हुड्डा, विशम्भर प्रसाद निषाद, छाया वर्मा , विकास रंजन और ई करीम सहित अनेक सदस्यों ने संशोधन के प्रस्ताव दिये थे जिन्हें सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
किसान या जवान, किसी की नहीं है मोदी सरकार: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा बजट को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए सोमवार को फिर कहा कि उन्हें किसानों और जवानों में से किसी की चिंता नहीं है और वह सिर्फ अपने तीन-चार पूंजीपति मित्रों की मदद के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में कटौती कर न सिर्फ सैनिकों की अनदेखी की है बल्कि जिन सैनिकों ने अपनी जवानी देश सेवा के लिए लगाई है उनकी पेंशन में भी कटौती कर दी है। गांधी ने कहा,‘बजट में सैनिकों के पेंशन में कटौती। ना जवान ना किसान, मोदी सरकार के लिए 3-4 उद्योगपति मित्र ही भगवान।
प्रधानमंत्री सम्बोधन की मुख्य बातें-
- प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में पढ़ी कविता
- सबके प्रयासों से कोरोना दूर भागा।
- विपक्ष द्वारा दीए जलाने पर उड़ाया मजाक
- प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ की।
- भारत कम समय में कोरोना का टीका लेकर आया।
- भारत में टीकाकरण अभियान तेजी से जारी
- हर सरकार ने कृषि सुधारों पर बात की थी।
- केन्द्र राज्यों ने सहभागिता की भूमिका निभाई।
- हमारी सरकार गरीबों को समर्पित
- गरीबों के लिए घर शौचालय बने।
- देश को गरीबी से मुक्त होना ही होगा।
- गरीबों के लिए इलाज आसान हुए।
- सदन में किसान आंदोलन पर चर्चा हुई।
- भारत का लोकतंत्र बहुत मजबूत
- हमारा लोकतंत्र मानवीय संस्था है
- भारत में अनाज का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर
- आर्थिक क्षेत्र में भारत की पहुंच बन रही है।
- मोबाइल उत्पादन में भारत दूसरे नम्बर पर।
- -सिंचाई की सुविधा छोटे किसानों को नहीं मिली।
- फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा।
- 86 प्रतिशत किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि।
- 10 करोड़ किसानों के खाते में भेजे गए।
- फसल बीमा योजना से 90 हजार करोड़ किसानों को मिले।
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बाजार की बात की थी
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