इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकस्तिान-अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों के बीच पूर्व क्रिकेटर व (Prime Minister of Pakistan Imran Khan) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में दोनों देशाें के बीच रिश्तों पर खुलकर बोला है। इसके साथ पाकिस्तान में आतंकवादियों के शरण देने के आरोप और चीन के साथ उसके बढ़ती नजदीकी पर भी बेबाक बोले। पिछले दिनों ट्विटर पर ट्रंप के साथ हुए ट्विटर वार पर भी उन्होंने जवाब दिया।
पाकिस्तान में कोई भी आतंकी अभयारण्य नहीं
पाकिस्तान को आतंकी संगठनों का सुरक्षित पनाहगाह बताए जाने पर इमरान खान ने कहा कि मैं दुनिया को ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि पाकिस्तान में कोई भी आतंकी अभयारण्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहूंगा कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमें बताएं कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन कहां हैं, अगर यहां आतंकी संगठन है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। इमरान ने कहा यहां कोई आतंकी संगठन नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर सबसे अधिक सुरक्षा है। अमेरिकी सैटेलाइट और ड्रोन्स हैं। वहां कुछ भी हरकत होती है तो उस पर हमारी नजर होती है।
हमारा मुल्क किराए की बंदूक नहीं
अमेरिका-पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्तों पर प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि मैं उनके साथ कतई संबंध नहीं रखना चाहता हूं, जो हमारे मुल्क को एक किराए के बंदूक की तरह इस्तेमाल करने की सोचते हैं या हमें दूसरों की लड़ाई लड़ने के लिए धन का प्रलोभन देते हैं। इससे न सिर्फ हमारे मुल्क का नुकसान होता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जगत में देश की गरिमा खत्म होती है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी मात्रा में पैसों की बर्बादी होती है।
-तालिबान की शरणस्थली नहीं पाकिस्तान
पाकिस्तान तालिबान की शरणस्थली है। प्रमुख तालीबानी नेता पाक में शरण लिए हुए हैं। इस सवाल पर इमरान ने कहा कि ये आराेप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि हुकूमत में आने के बाद मैंने सुरक्षाबलों के साथ बैठक की और इसकी पूरी समीक्षा कराई। उन्होंने कहा कि क्या मुझे कोई तालिबान नेताओं के छिपे होने या रहने का ठिकाना बता सकता है। मैं उनके साथ्ा वहां चलने काे तैयार हूं। अलबत्ता, 27 लाख अफगानी शरणार्थी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शांति अफगानिस्ता का हिमायती रहा है यह उसके हित में है। इसके लिए वह सब कुछ करने काे तैयार है।
चीन के साथ दीर्घकालीन रिश्ते
चीन से साथ पाकिस्तान के प्रगाढ़ होते रिश्तों के बारे में उन्होंने कहा कि दाेनों देश के बीच संबंध एकतरफा नहीं है। यह द्विपक्षीय है। चीन के साथ हमारे दीर्घकालीन सैन्य और व्यापारिक करार है। कई परियोजनाएं पर दोनों मुल्क संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। इसके साथ विकास की कई योजनाओं में चीन हमारे मुल्क को आर्थिक मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क अमेरिका के साथ भी ऐसा ही संबंध चाहता है।
9/11 हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं, आरोप बेबुनियाद
9/11 हमले पर पूछे गए सवाल पर इमरान ने कहा कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तान का कतई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि ये आराेप बेबुनियाद है और मुल्क की छवि को खराब करता है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की बात को भी उन्होंने खारिज कर दिया। इमरान ने कहा कि आतंकी संगठन अलकायदा अफगानिस्तान में था, इसमें कोई पाकिस्तानी शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उल्टा अमेरिकी युद्ध में भाग लेने के लिए कहा गया था। तब मेरे अलावा कई लोगों ने इसका विरोध भी किया था। इसमें 80,000 से ज्यादा लोग उस मारे गए, 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। उस वक्त पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश कहा जाने लगा था।
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