देहरादून (सच कहूँ न्यूज)। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले का शनिवार को विवेचना कर रही पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने लगभग पूरी तरह खुलासा कर दिया है। इस मामले में प्रेस मालिक के साथ प्रेस का एक कर्मचारी भी पकड़ लिया गया है। अभी तक कुल 26 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने शनिवार को बताया कि यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत होने के बाद, एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी गई। इसके बाद, तात्कालिक कार्यवाही के दौरान, नित्य ऐसे सफेदपोश लोगों के नाम साक्ष्यों के आधार पर सामने आए, जिनमें एक जन प्रतिनिधि, न्यायालय, पुलिस, होमगार्ड कर्मचारी, विश्वविद्यालय के रिटायर्ड अफसर, कोचिंग सेंटर संचालक सहित कुल 26 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) परीक्षा पेपर लीक मामले की विवेचना के दौरान, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी की पुष्ट जानकारी गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली। तब एक नया मामला 24 अगस्त को थाना रायपुर में दर्ज किया गया।
क्या है मामला
सिंह ने बताया कि पुख्ता साक्ष्यों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के आधार पर, आयोग के प्रश्नपत्रों की लंबे समय से छपाई करने वाली आरआईएमएस कंपनी लखनऊ का मालिक राजेश चौहान को पेपर लीक करने और अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया। इससे पूछताछ के बाद, प्रिंटिंग प्रेस के मुख्य कर्मचारी प्रदीप पाल पुत्र गया प्रसाद, निवासी ग्राम बलीपुर, थाना हैदरगढ़, जिला बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) उम्र 24 वर्ष को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कर्मचारी आयोग कार्यालय से पेन ड्राइव के माध्यम से पेपर चुरा कर, अन्य गिरफ्तार अभियुक्त को देता था। एसटीएफ अधीक्षक ने बताया कि विवेचना के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक भर्ती में कुल 33 पद हैं एवं कुल 66 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। शारीरिक परीक्षा होनी अभी शेष है। इसमें यह तथ्य प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक का प्रश्न पत्र आयोग द्वारा ही आयोग बिल्डिंग में लगी प्रिंटिंग मशीनों में छपवाया गया था। जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी प्रदीप पाल एवं उनकी टीम परीक्षा की तिथि से एक सप्ताह पूर्व आयोग में प्रश्न पत्र सैट करने और छपवाने के लिए आयोग की प्रिंटिंग प्रेस में रायपुर में आए थे जहां पर प्रदीप पाल द्वारा पेनड्राइव के माध्यम से यह पेपर चुराया गया था।
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