नई दिल्ली। पदभार संभालने के तीन हफ्तों के भीतर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छह अहम विधेयकों को मंजूरी दी है जिनमें वह विधेयक भी शामिल है जो समुद्री दावों, नौकाओं को रोककर रखने और लोगों को गिरफ्तार करने जैसे मामलों में मुकदमा चलाने का अधिकार विभिन्न अदालतों को देता है। ये सभी विधेयक, जिन्हें राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है, उन्हें हाल ही में संसद ने पारित किया है। नौवहन (समुद्री न्याय क्षेत्र एवं निपटान दावे) विधेयक, 2017 जिसे राष्ट्रपति ने हाल में मंजूरी दी है, उसके जरिए दो प्राचीन कानून खत्म किए गए हैं।
बच्चों को निशुल्क शिक्षा की मंजूरी प्रदान
खत्म हो चुके इन कानूनों में 156 वर्ष पुराना एडमिरल्टी कोर्ट एक्ट, 1861 और 127 वर्ष पुराना कोलोनियल कोर्ट्स आॅफ एडमिरल्टी एक्ट, 1890 हैं। इस बाबत बिल को राज्यसभा ने 24 अप्रैल को मंजूरी दी थी। लोकसभा ने इस बिल को 10 मार्च को ही पारित कर दिया था। औपनिवेशिक दौर के ए कानून तब प्रभाव में आए थे जब देश में केवल तीन ही प्रमुख बंदरगाह थे। ए बंदरगाह बंबई, कलकत्ता और मद्रास के थे। वर्तमान में भी न्यायिक क्षेत्र संबंधी विवादों का फैसला इन शहरों में स्थित उच्च न्यायालय ही कर सकते थे। राष्ट्रपति ने बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत मार्च 2015 तक नियुक्त 11 लाख शिक्षकों को अपनी नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिहाज से अब 2019 तक का समय मिलेगा।
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