चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने हरियाणा में करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के 19वें दीक्षांत समारोह में 544 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की और स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। श्रीमती मुर्मू ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘आप सभी अपने जीवन के नए अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए आप सदैव नया सीखने के लिए प्रयत्नशील रहें तथा जनकल्याण के लिए कार्य करें। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि आप राष्ट्र की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें और डेयरी उद्योग में रोजगार प्राप्त करने के साथ उद्यमी अवश्य बनें। इस क्षेत्र में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं और आपको इन सम्भावनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
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राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश और इसका विश्व के दूध उत्पादन में लगभग 22 प्रतिशत का योगदान है। डेयरी सेक्टर का देश की सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में लगभग पांच प्रतिशत का योगदान है तथा डेयरी उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आठ करोड़ परिवारों को आजीविका प्रदान करता है। डेयरी उद्योग प्रबंधन में 70 प्रतिशत से अधिक भागीदारी महिलाओं की है। डेयरी सेक्टर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने में खास महत्व रखता है।
यह प्रसन्नता का विषय है कि आज डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एक तिहाई से अधिक लड़कियां हैं और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में भी 50 प्रतिशत लड़कियां हैं। (Droupadi Murmu) महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करने के लिए समान अधिकार और समान अवसर मिलें, यह सुनिश्चित करने के लिये महिलाओं के प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ डेयरी फार्मिंग में महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए आसान ऋण की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
भैंस का क्लोन बनाने की तकनीक विकसित की गई
उन्होंने कहा कि एनडीआरआई द्वारा दूध देने वाली गाय और भैंस का क्लोन बनाने की तकनीक विकसित की गई है, यह सराहनीय बात है। इससे पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि दूध उत्पादन और डेयरी सेक्टर को सस्टेनेबल बनाना हमारे समक्ष एक चुनौती है, जिसका समाधान निकालने के लिए सरकार सहित सभी संस्थाओं के सहयोग की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि एनडीआरआई ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही बायोगैस उत्पादन जैसी क्लीन एनर्जी पर भी बल दे रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि हरियाणा देश के दुग्ध उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। एनडीआरआई करनाल में देशी गाय की बछड़ी का कलोन बनाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय डेयरी उद्योग में देश के आर्थिक विकास में योगदान देने और लाखों लोगों के जीवन में सुधार करने की अपार क्षमता है। सही नीतियों, निवेश और नवाचार के साथ, भारत डेयरी उद्योग में एक वैश्विक अग्रदूत बन सकता है, और यह दूसरी श्वेत क्रांति के लिए सही समय है।
डेयरी उद्योग हमारे देश के सबसे बड़े कृषि क्षेत्रों में से एक है, जो लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है और हमारे राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसी तरह, पशुपालन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, लाखों लोगों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने और कई ग्रामीण समुदायों की आजीविका का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
करनाल का नाम आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को डेयरी उद्योग चलाने के लिए बैंकिंग क्षेत्र से ऋण दिलाया जाएगा ताकि युवा स्वरोजगार के साथ हरियाणा द्वारा पूरे देश को दूध आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। गत दिनों सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सर्वे करवाया गया था, जिसमें 60 प्रतिशत युवाओं ने डेयरी के क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाने की इच्छा जताई थी। ऐसे युवाओं के सपनों को पंख लगाने के लिए राज्य सरकार बैंकिंग क्षेत्र से बात करके सहकारी विभाग के माध्यम से उनके डेयरी उद्योग को स्थापित कराने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई के कारण भी करनाल का नाम आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है।
हरियाणा में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1127 ग्राम है। किसानों के परिश्रम की बदौलत जल्द ही हरियाणा सर्वाधिक दूध उत्पादन वाला प्रदेश बनेगा। समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, आईसीएआर-एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति डॉ धीर सिंह और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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