नजायज बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी: अभी बंद नहीं होंगे कोई भी रूट
- पालिसी का नोटिफिकेशन तक नहीं हुआ
- पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसपोर्ट पालिसी को लेकर होगी सुनवाई
- पॉलिस लागू होते ही कई राजनैतिक नेताओं की बसें होंगी बंद
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब की सड़कों पर बादल परिवार की प्राईवेट बस कंपनियों सहित दर्जन भर राजनैतिक नेताओं की बसों का चक्का जाम फिलहाल चलता रहेगा। उनकी बसें पहले की तरह पंजाब की सड़कों पर दौड़ती रहेंगी, क्योंकि इस संबंधी न ही कोई फैसला हुआ है और न ही कोई आदेश जारी हुए।
हाईकोर्ट तय करेगी 17 जुलाई को
हालांकि नई पालिसी के अनुसार सड़कों पर नजायज तरीके से दौड़ रही प्राईवेट कंपनियों की बसें बंद तो जरूर होंगी लेकिन उन्हें 6 महीने तक का समय लग सकता है। पंजाब सरकार आगामी 17 जुलाई को नई ट्रांसपोर्ट पालिसी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में पेश करने जा रही है, जहां पालिसी के उलट चल रही बसों को पंजाब सरकार द्वारा छह महीने का समय देने की मांग की जाएगी, ताकि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
बादलों ने खुलकर दी छूट
पंजाब के एक रूट के परमिट पर चल रही बस को नियमों अनुसार पंजाब सरकार 30 किलोमीटर तक का विस्तार कर सकती है लेकिन यह एक बार ही किया जा सकता है। पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने बादल परिवार व अन्य कई राजनैतिक नेताओं व प्रभावशाली व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए बस परमिट में 30 किलोमीटर का विस्तार एक बार नहीं बल्कि कई-कई बार करते हुए छोटे रूट के परमिट को बड़ा रूट का परमिट बना दिया। जिसके बाद पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पटीशन पर सुनवाई करते हुए नई ट्रांसपोर्ट पालिसी बनाने के लिए कहा गया था, जिसमें केवल एक बार ही 30 किलोमीटर तक विस्तार करन का जिक्र किया गया है।
जल्दबाजी नहीं:
पंजाब सरकार ने गत दिवस कैबिनेट मीटिंग में इस पालिसी को पास तो कर दिया लेकिन इसे लागू करने के लिए छ िमहीने तक का समय लग सकता है। क्योंकि इस पालिसी पर पंजाब सरकार ने ऐतराज दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा, जिसके बाद पालिसी संबंधी फाईनल नोटिफिकेशन होगा। नोटिफिकेशन के बाद पंजाब में नए परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बादलों की लग्जरी बसें पर गिरेगी गाज
पालिसी अनुसार एक रूट पर एक कंपनी अपनी बसें अधिक से अधिक 25 प्रतिशत तक ही चला सकेगी, जिसका घाटा सीधे तौर पर बादल परिवार को झेलना होगा। बादल परिवार की लग्जरी बसें चंडीगढ़ व दिल्ली एयरपोर्ट तक यात्रियों को लेकर जाती हैं, जिस कारण बादल परिवार अब अपनी कंपनियों की नई पालिसी अनुसार केवल 25 प्रतिशत बसें ही चंडीगढ़ व एयरपोर्ट रूट पर चला सकेगी।
ड्रा सिस्टम से मिलेंगे परमिट
नई पालिसी के अंतर्गत अब परमिट ड्रा सिस्टम के माध्यम से ही मिलेंगे। किसी की सिफारिश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, इसीलिए नए परमिट के लिए कोई भी अप्लाई करते हुए ड्रा में भाग ले सकेगा। इस ड्रा में किसी के लिए भी कोई पाबंदी नहीं होगी चाहे बादल परिवार या फिर कोई अन्य आम व्यक्ति भी शामिल होकर परमिट ले सकता है।
मोनोपली के सभी रूट सरकारी खाते में आएंगे
सड़कों के अहम मोनोपली वाले सभी रूट एक बार फिर से सरकारी खातो में आ रहे हैं। पिछली अकाली-भाजपा सरकार में मनोपली वाले ज्यादातर रूट पर प्राईवेट बस आॅप्रेटरों ने अपना कब्जा कर लिया था, जिस कारण सरकारी ट्रांसपोर्ट को काफी नुक्सान हुआ लेकिन अब नई पालिसी अनुसार मनोपली व अंतरराज्जीय सभी रूट सरकारी ट्रांसपोर्ट के पास ही रहेंगे। नेशनल हाईवे पर 50-50 रूट होंगे। जिला व प्रांतीय सड़कों पर 60 प्रतिशत रूट प्राईवेट व 40 प्रतिशत रूट सरकारी ट्रांसपोर्ट को मिलेंगे।
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