रोडवेज ड्राइवर-कंडक्टरों को ओवरटाइम देने की तैयारी

Preparation to give overwriting to roadways driver-contractors

पत्रकार ने समस्या से कराया अवगत तो परिवहन मंत्री ने दिलाया भरोसा (roadways)

  •  किलोमीटर स्कीम पर पीछे हटने से सरकार का साफ इंकार

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। सरकार का परिवहन मंत्रालय नए (roadways) साल के आगमन पर प्रदेश की आम जनता को रोडवेज बसों में कुछ राहत देने जा रहा है। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने संकेत दिए हैं कि सरकार जनता को राहत देने के लिए पिछली सरकार द्वारा बंद की गई ओवर टाइम सुविधा दोबारा शुरू करने पर विचार कर रही है। बता दें कि एक पत्रकार द्वारा उसके साथ घटित हुई एक घटना का वर्णन करते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा को बताया किस तरीके से एक सरकारी बस ड्राइवर द्वारा हिसार से चंडीगढ़ जाते समय सवारियों को अंबाला ही उतार दिया गया। क्योंकि उनकी ड्यूटी के आठ घंटे पूरे हो गए थे। ठंड के मौसम में छोटे-छोटे बच्चों के साथ कई परिवारों को परेशान होना पड़ा।

  • वहीं मंत्री ने पूरा वाकया सुनने के बाद कहा कि इस बाबत उन्हें काफी शिकायतें मिली हैं।
  • शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार समस्या का हल चाहती है ।
  • इसलिए जल्द ही इस बाबत मुख्यमंत्री से बातचीत करके ओवरटाइम सुविधा पुन: शुरू की जाएगी।
  • शर्मा ने किमी. स्कीम पर कहा कि 26 रुपए 92 पैसे प्रति किलोमीटर पर प्रदेश में चलाई जा रही है।
  • यह योजना जनता के फायदे के लिए है। और सरकार जनहित के लिए ये स्कीम चलाएगी।
  • सरकार रोडवेज का किसी भी तरह का निजीकरण नहीं करने जा रही ।

अवैध बसें पर सरकार करेगी कार्रवाई

मंत्री मूल चंद शर्मा ने कहा कि सरकार अवैध बसों का संचालन बंद करना सरकार की प्राथमिकताओं में है। गत दिवस सीएम फ़्लाइंग स्कवाड द्वारा की गई छापेमारी में 58 अवैध बसें सवारियां ढोती मिलीं। जिन पर कार्रवाई की गई है। शर्मा ने कहा कि ये कार्रवाई चलती रहेगी, जब तक अवैध बसें प्रदेश की सड़कों से हट नहीं जाती।

मुख्यमंत्री चाहते हैं जल्द शामिल हों नई बसें

मूल चंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश के बेड़े में मार्च तक 150 बसें प्रदेश के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। वहीं तकरीबन 350 बसों का आर्डर हो गया है। जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद चाहते हैं कि जल्द से जल्द 400 बसें प्रदेश के बेड़े में शामिल हो जाए।

हड़तालियों पर एस्मा लगा सकती है सरकार!

प्रदेश में 7 जनवरी को कर्मचारियों द्वारा प्रस्तावित हड़ताल पर परिवहन मंत्री ने कहा कि हड़ताल गैर जरूरी है। कर्मचारी विरोध किस बात का कर रहे हैं जबकि यह एक दम स्पष्ट है कि सरकार रोडवेज का किसी भी तरह का निजीकरण नहीं करने जा रही। यदि निजीकरण ही करना होता तो सरकार भर्तियां ही क्यों करती। वहीं शर्मा से हड़तालियों पर एस्मा लगाने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समय बताएगा। लेकिन वो चाहते हैं कि कर्मचारी हड़ताल न करें। फिर भी यदि कर्मचारी हड़ताल करते हैं तो हड़ताल से निपटने को सरकार तैयार है।

 

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