सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इंसान अगर ईश्वर का नाम लेता है, तो उसके अंदर आत्मबल बढ़ता चला जाता है। आत्मबल जिनके अंदर होता है, वो हारी हुई बाजी जीत जाया करते हैं। आत्मबल को हासिल करने के लिए आत्मिक शांति को हासिल करने के लिए लोग जंगलों, पहाड़ों, उजाड़ों में घूमते रहते हैं, लेकिन असल में हमारे सभी धर्मों का सार यही है कि चाहे घर-गृहस्थ में रहो, चाहे त्यागी तपस्वी बनो अगर राम का नाम जपोगे तो मन काबू में आएगा वरना मन कभी काबू में नहीं आता। मन का मतलब बुरे विचार(नेगेटिविटी) ये सब मन की देन हैं। धर्माें में माना गया है, पॉजीटिविटी जितनी भी इंसान के अंदर आती है वो सब आत्मा के विचार हैं।
आत्मिक शक्ति तभी मिलती है जब इंसान का मन कंट्रोल हो जाता है और मन काबू करने के लिए राम नाम के बिना और कोई दवाई नहीं है। राम का नाम जपो, चलते-बैठते, लेटते, काम-धंधा करते हुए, तभी आप मन पर काबू पा सकेंगे, तभी आत्मबल बढ़ेगा तभी आत्मिक शांति आएगी। राम नाम का जाप करने के लिए कोई पैसा, कोई चढ़ावा, कोई दिखावा करने की जरूरत नहीं है। आप जैसे भी हैं ठीक हैं। अपने विचारों को काबू करो। आप अमीर हैं, गरीब हैं। कपड़े बहुत मंहगे हैं, सस्ते हैं। आप गोरे हैं या काले हैं, उससे ईश्वर को कुछ लेना-देना नहीं है। अगर आपकी भावना ईश्वर के प्रति है, अगर आपके दिमाग में राम नाम चलता है तो यकीनन आप भगवान के कृपापात्र बन जाएंगे और खुशियों के हकदार जरूर बन जाएंगे। तो ये बहुत जरूरी है कि आप राम का नाम जपें, मालिक की भक्ति करें तभी मालिक की दया दृष्टि आप पर बरसेगी।
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