सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सच्चे दाता, रहबर परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने सारी दुनिया को यह संदेश दिया कि इन्सानियत को जिंदा रखना अति जरूरी है, क्योंकि आज मानवता दिन-ब-दिन गिरती जा रही है। जो दिन गुजर जाता है, वो अच्छा है पर आने वाला दिन और बुरा हो जाता है। सतगुरु का रहमो-करम है कि आज भी लोग इन्सानियत का दीप जलाए हुए हैं अन्यथा पता नहीं इन्सानियत कहां जाती।
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि परमपिता शाह सतनाम जी दाता, रहबर के जन्ममाह में उनकी सबसे बड़ी बात कि आप आवागमन से आजादी हासिल करो और इन्सानियत को हमेशा जिंदा रखो। इस पर उनके हर मुरीद को दृढ़ता से निर्भय होकर आगे बढ़ना है। जब तक इन्सान अपने मन की दासता को नहीं छोड़ता, तब तक आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए मन से लड़ो, सुमिरन करो। आप जी फरमाते हैं कि सच्चे दाता के ये वचन हैं कि मन जीते जग जीत यानि मन से लड़ो, अपने अंदर की बुराइयों को दूर करो। जैसे ही आप पवित्र बन जाओगे तो मालिक की दया-मेहर, रहमत, उसका रहमो-करम मूसलाधार बरसने लगेगा।
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