सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का प्यार, उसकी मुहब्बत एक ऐसी लगन है जिसको ये लगन लग जाती है उसके जन्मो-जन्मों के पाप-कर्म कैसे कट जाते हैं, उसे खुद मालूम नहीं होता। अल्लाह, वाहेगुरु से जो सच्चा प्यार, मुहब्बत करते हैं, तो परमात्मा कदम-कदम पर उनकी राह से कांटे चुगकर मखमल बिछा देते हैं। ज्यों-ज्यों आदमी का दृढ़ यकीन बढ़ता जाता है, त्यों-त्यों उनके दिमाग से तमाम टेंशन व परेशानियां दूर होती जाती है। आदतें बदलती जाती है और वो मालिक के और करीब होता चला जाता है।
पूज्य गुरू जी फरमाते हैं कि सत्संग सुनो और सेवा-सुमिरन पर ध्यान दो ताकि मालिक की तमाम बरकतें आपकी झोली में आएं। जो इंसान मालिक से प्रेम करता है तो मालिक उसे तमाम बरकतें देता है, जो उसके भाग्य में लिखी होती है और जो नहीं भी लिखी होती वो भी बख्श देता है। बस दृढ़ यकीन होना चाहिए। दृढ यकीन के साथ-साथ इंसान मालिक की खुशियों का अधिकारी बनता जाता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।