Pre-budget session: सरकार बोली सभी के सुझाव महत्वपूर्ण-बजट में दिखेगा असर

Pre-budget session

सरकार का प्री-बजट सत्र : पहले दिन भाजपा-जजपा के ज्यादातर विधायक पहुंचे

(Pre-budget session)

  • विपक्ष ने कहा केवल पैसे की बर्बादी, मौजिज नेता रहे गैर हाजिर

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। भाजपा-जजपा सरकार द्वारा बुलाई गई प्री-बजट बैठकों का दौर सोमवार से शुरू हो गया। तीन दिन तक चलने वाले इन मैराथन सैशनों में प्रदेश के हर विधायक से किसान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, प्रदूषण, सुरक्षा, कानून, तकनीक, ट्रांसपोर्ट व अन्य मसलों पर सुझाव लिए जा रहे हैं, ताकि आने वाले बजट में सरकार इनमें से महत्वपूर्ण सुझावों को सम्मिलित करके प्रदेश के विकास के लिए नया खाका खींच सके। ऐसे में सोमवार को पंचकूला के होटल रैड बिशप में शुरू हुए प्री-बजट सत्र को विपक्ष के कई नेता मात्र पैसे की बर्बादी भी मान रहे हैं। (Pre-budget session) वहीं पहले दिन प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक नेता के देहांत के कारण बैठक में नहीं पहुंच सके।

  • हुड्डा के साथ-साथ कई अन्य विधायक भी इस बैठक से नदारद रहे।
  • बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर चूंकि खुद वित्त मंत्री भी हैं तो ऐसे में यह उनका पहला बजट है।
  • मुख्यमंत्री पूर्व में प्रदेश के उद्योगपतियों, कृषि विशेषज्ञों, अधिकारियों से बजट पर चर्चा कर चुके हैं।
  • उन्होंने प्रदेश के सभी विधायकों से बजट पेश करने से पहले सुझाव लेने का मन बनाया
  • और सोमवार से तीन दिवसीय प्री-बजट बैठकों को आयोजन शुरू हो गया।
  • सोमवार को पहले दिन जहां विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर सुझाव न सुनने और समय कम देने का आरोप लगाया।
  • वहीं सत्ता पक्ष ने इस सत्र को प्रदेशहित में बताया।

दो-तीन महीने पहले होनी चाहिए थी चर्चा : विपक्ष (Pre-budget session)

पत्रकारों से बातचीत करते हुए विपक्ष के कई विधायकों ने कहा कि सरकार ने अगर बजट के बारे में विधायकों के विचार आदि जानने थे और सार्थक योजनाओं के बारे में ब्यौरा प्राप्त करना था तो कम से कम दो या तीन महीने पहले ऐसी बैठकें बुलानी चाहिए थीं। इन बैठकों में सभी से विवरण सहित विचार प्राप्त करने उपरांत जो अच्छे सुझाव होते उनको बजट-2020-21 में सम्मिलित कर लेते और जो उपयुक्त न होते उन्हें छोड़ दिया जाता। परंतु सोमवार की बैठक में भाग लेने के बाद महसूस हुआ कि ऐन वक्त पर प्री-बजट बैठक का आयोजन करना केवलमात्र खानापूर्ति है, जबकि बजट के संबंधित तमाम रिकार्ड पहले ही छप चुका है।

पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर सुझाव दे रहे विधायक : गुप्ता

प्री-बजट सत्र में बैठकों के दौर के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि आज सुबह से ही जिस प्रकार से सभी विधायकों ने पार्टी से ऊपर उठ कर किसानों के हित में सुझाव दिए हैं, उन्हें कैसे समृद्ध बनाया जाए? सभी पार्टियों के लोगों ने अच्छे सुझाव दिए हैं। जिसका रिजल्ट बजट में देखने को मिलेगा।

सरकार सकारात्मक सुझाव सुनने को तैयार नहीं : बी.बी. बतरा (Pre-budget session)

रोहतक से कांग्रेस के विधायक बी.बी. बतरा से जब प्री-बजट चर्चा में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि किसानों को समृद्ध किए बिना राज्य का विकास नहीं हो सकता। ऐसे में किसानों को मुहैया करवाए जाने वाले शार्ट टर्म कर्ज में ब्याज की दर को शून्य किया जाना चाहिए, जबकि हमारे यहां छोटे किसान को 4 परसेंट पर 2 लाख रुपए का कर्ज मिलता है। इसी प्रकार ट्रैक्टर, पशु इत्यादि के लिए कर्ज को भी शून्य ब्याज दर पर दिया जाए। इस सुझाव पर उत्तर देते हुए सीएम ने पहले कहा कि वे शून्य ब्याज दर पर कर्ज दे रहे हैं, लेकिन बाद में उन्होंने अधिकारियों से वैरीफाई किया और बताया कि सिर्फ को-आप्रेटिव सोसाइटीज़, को-आप्रेटिव बैंक ही बहुत ही कम या शून्य ब्याज दर पर कर्ज मुहैया करवाते हैं

  • बड़े बैंकों द्वारा किसानों को दिए जाने वाले कर्ज पर सरकार कोई आर्थिक सहायता नहीं करती, जिससे ब्याज दर कम नहीं होती।
  • वहीं बी.बी. बतरा ने आगे बताया कि उन्होंने सरकार से पूछा।
  • फसल बीमा योजना के बारे में स्पष्ट बताएं कि देय प्रीमियम में किसान का कितना शेयर है?
  • राज्य सरकार का कितना और केंद्र सरकार का कितना शेयर है?
  • किसानों पर जबरदस्ती इसे क्यों लागू किया जा रहा है?
  • लेकिन मुख्यमंत्री ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

शिक्षा और स्किल पर रहेगा जोर : दुष्यंत

प्री-बजट बैठक के पहले दिन की कार्रवाई समाप्त होने के बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि बैठक में कृषि से संबंधित तमाम विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उत्थान व स्किल बढ़ाने के लिए भी विभिन्न सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, ‘‘मैंने आग्रह किया कि खेल एवं यूथ अफेयर्स को भी एड किया जाए, जिससे किसान और युवा दोनों को पहले दिन डिस्कस करेंगे।

  • वहीं पिछले तीन-चार सालों में कई ऐसे बजट ऐलोकेशन्स हैं, उनमें एक रुपया भी यूटीलाइज़ नहीं हुआ।
  • ऐसे में इनके हैड्स को बदला जाए।’
  • एक विधायक द्वारा सुझाव दिया गया कि शिक्षा में आंगनवाड़ी को मॉडर्न प्ले स्कूल में बदला जाए।
  • ऐसे सुझावों को सरकार बजट में जरूर लाएगी।
  • बजट पहले ही छप चुका है, सरकार केवल खानापूर्ति कर रही है।
  • इस पर दुष्यंत ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है।
  • उनके विभाग पीडब्ल्यूडी, लेबर, इंडस्ट्री या अन्य महकमे जो उनके पास हैं।
  • उन सभी से संबंधित जो भी अच्छे सुझाव आए हैं ।
  • इन दो दिनों में आएंगे उनका असर बजट में जरूर दिखेगा।

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