इंडस्ट्री एसो. ने जताया रोष, कहा, सिर्फ उद्योगपतियों को ही किया जा रहा परेशान
- 5 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर की 5.5 पैसे
पटियाला। (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर) पंजाब स्टेट पॉवर काप्रोरेशन ने 1 अप्रैल से उद्योगिक केन्द्रों को झटका दिया है। पॉवरकॉम ने औद्योगिक खपतकारों के लिए बिजली दरों में 50 पैसे के विस्तार का ऐलान किया है। इधर बिजली दरों के विस्तार के बाद इंडस्ट्री एसो. में इस विस्तार सबंधी रोष पाया जा रहा है। इंडस्ट्री नेताओं का कहना है कि सरकार एक तरफ पंजाब में उद्योगों को लगाने के लिए बड़े-बड़े ऐलान कर रही है, जबकि दूसरी तरफ पहला पहले ही पंजाब में लगी इंडस्ट्री पर भार डाल रही है।
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जानकारी के अनुसार पंजाब राज्य पॉवर काप्रोरेशन लिमटिड (पीएसपीसीएल) द्वारा उद्योगों पर भार डालते 1 अप्रैल से बिजली दरों के विस्तार का ऐलान करते प्रति यूनिट 5.5 रुपए की गई है जबकि इससे पहले उद्योगों को यह प्रति यूनिट 5 रुपये थी। यहीं बस नहीं आए साल इसमें 3 फीसदी वार्षिक विस्तार भी होगा। 28 मार्च को जारी सर्कूलर के अनुसार मौजूदा स्थिर बिजली दरोंं में कोई विस्तार नहंी किया जाएगा, जो कि ऐलाने लोड के अधार पर खपतकारों पर लगाया जाता है। उद्योगों को बिजली दरों के 50 पैसे के किए विस्तार से पंजाब की इंडस्ट्री पर करोड़ों रूपयों का बोझ पड़ेगा जबकि पंजाब की इंडस्ट्री पहले ही अनेकों मुश्किलों में चल रही है।
एक उद्योगपति का कहना है कि पहले भी जब कैप्टन सरकार द्वारा 5 रुपये प्रति यूनिट की गई थी, वह भी अलग से लगे फिक्स खर्चों सहित यूनिटों की दर से उद्योगों को यह 9-10 रुपये प्रति यूनिट तक पड़ रही थी और अब मान सरकार द्वारा 50 पैसे के किए विस्तार से इंडस्ट्री पर और भी बोझ पड़ेगा। इक्क और उद्योगपति का कहना था कि पॉवरकॉम द्वारा मासिक 300 यूनिट मुफ्त बिजली के आए महीने करोड़ों के घाटे में जा रही है व इनके पास सिर्फ एक इंडस्ट्री वर्ग ही बचा है कि अपना वेतन व अन्य खर्च निकालने के लिए इनको ही परेशान किया जाए।
सरकारोंं द्वारा इंडस्ट्री की नहीं ली जा रही सुध: हरिन्द्रपाल
पटियाला इंडस्ट्री एसो. के प्रधान हरिन्द्रपाल सिंह लांबा का कहना है कि सरकारों द्वारा बाकी वर्गों को वोटों की खातिर सस्ती बिजली देकर सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन उद्योगों को सुविधाओं की जगह महंगी बिजली का बोझ डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब की छोटी व मध्यम इंडस्ट्री पहले ही अनेकों मुश्किलों में घिरी हुई है, लेकिन मान मान सरकार द्वारा इंडस्ट्री को प्रफुलित्त करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यह दोहरा मापदंड है कि एक तरफ बाहर से इंडस्ट्री को लाने के लिए जीएसटी सहित अन्य छूट दी जा रही हैं, लेकिन पंजाब में लगी पुरानी इंडस्ट्री को तवज्जो नहीं दी जा रही है। लांबा ने कहा कि सरकार व पॉवरकॉम के पास सबसे सोफ्ट कारण उद्योगपति ही हैं क्योंकि न तो यह धरने लगा सकते हैं व न ही सड़कों पर आ सकते हैं। बस इसी बात का सरकार फायदा उठा रही है।
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