बुरे विचारों से कमजोर हो जाती है सोचने की शक्ति : पूज्य गुरु जी

Power of thinking becomes weak due to bad thoughts Pujya Guru Ji
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि राम का नाम जपने से आत्मा बलवान होती है और मन दबता चला जाता है। अगर आप सुमिरन करने का नियम नहीं रखते, सुबह-शाम मालिक को नियमानुसार याद नहीं करते तो आपके मन के विचार आप पर हमेशा हावी रहेंगे। आप जी फरमाते हैं कि इन्सान के अंदर जो बुरे विचार आते हैं, वो सब मन की देन हैं और जो अच्छे विचार आते हैं, वो आत्मिक विचार हैं।

बुरे विचार

बुरे विचारों से इन्सान के शरीर पर हर तरह का असर होता है। शारीरिक शक्ति का नाश होता है, दिमाग के सोचने की शक्ति कम हो जाती है और बुरे विचारों का ताना-बाना बुनते रहने से इन्सान का आत्मबल कम होता चला जाता है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि इन्सान को सुमिरन का नियम बनाना चाहिए। जैसे आप सुबह तैयार होते हैं, नाश्ता लेते हैं, पढ़ने जाते हैं, दफ्तर जाते हैं, खेती-बाड़ी आदि काम-धंधे पर जाते हैं। ऐसे ही सुबह उठकर हाथ-मुंह धो लें, ताकि नींद उड़ जाए। अगर आपको यह मुश्किल लगता है तो चलो, लेटे-लेटे ही सुमिरन कर लें, क्योंकि यह सुमिरन बिल्कुल ही न करने से लाख गुणा बेहतर है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि आप लगातार दो महीने सुबह-शाम 15-15 मिनट सुमिरन करके देख लें, अगर 1-1 घंटा करो तो कहना ही क्या। फिर तो हम भी गारंटी दे सकते हैं कि 100 प्रतिशत आपके अंदर मालिक के नजारे आएंगे ही आएंगे। अगर दो महीनों के घंटों को जोड़ो तो सिर्फ 5 दिन-रात बनते हैं। तो कितना आसान है कि आप अपने अंदर के आत्मबल को कैसे जगा सकते हैं और दुनिया के हर क्षेत्र में आत्मविश्वास अति जरूरी है। जिनके अंदर आत्मविश्वास नहीं होता, वो जरा-जरा सी बात पर घबरा जाया करते हैं और अगर आत्मविश्वास हो तो छाती का जख्म भी लोग हंसते-हंसते सहन कर लिया करते हैं। आत्मविश्वास के बढ़ने से आपको हर अच्छे-नेक काम में तरक्की मिलती जाएगी।
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि संसार का मानना है कि इन्सान अपने दिमाग को 15-20 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल में लाता है, जोकि रूहानियत के नजरिये से भी सच है। जो लोग रिसर्च करते हैं, सारा-सारा दिन या 18-20 घंटे काम करते हैं, वो 15-20 प्रतिशत और आम इन्सान 10-15 प्रतिशत ही अपना दिमाग इस्तेमाल करते हैं। सुपर कम्प्यूटर इसी दिमाग से निकला हुआ छोटा-सा अंश है। वैज्ञानिकों ने भी आज माना है कि अगर आप आत्मबल चाहते हैं, तो सुबह-सवेरे 2 से 5 बजे के बीच में एक घंटा ध्यान में जाओ। उससे आपका आत्मबल बढ़ेगा, उस आत्मबल से आप दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे और इसके ज्यादा इस्तेमाल से आप परेशानियों से आजाद होते जाएंगे। इसलिए आत्मबल जागना बहुत ही जरूरी है और इस कलियुग में तो और भी ज्यादा जरूरी है।
आप जी फरमाते हैं कि आप जिस किसी से भी बात करते हैं, आपको यह नहीं पता होता कि वो किस रंग में रंगा हुआ है। कोई भरोसा नहीं होता, क्योंकि आज लोग दोगले, तीगुले, पता नहीं कितने गुले हैं। कोई शब्द ही नहीं मिलते उनके लिए। जबकि इन्सान अगर वफा करे, तो राम भी उसके साथ बेहद वफा किया करते हैं। आज रिश्तों में दरार है। सुमिरन, भक्ति-इबादत न होने की वजह से आत्मिक कमजोरियां हैं। जरा-सी किसी को बात कह दो तो गला काटने को आता है। ऐसे युग में यह बड़ी जरूरी बात है कि चाहे आप थोड़ा समय ही दें, लेकिन मालिक की याद में जरूर समय दिया करें। आपके बिजनेस, व्यापार में भी फायदा होगा, आप यही सोचकर ही जाप कर लिया करें। आपके काम में आप ज्यादा दिमाग लगा पाएंगे, ज्यादा तरक्की आएगी।

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