रेट में तेजी ने तोड़ा 4 साल पुराना रिकार्ड, उत्पादन भी बेहतर || Potato Farming
कर्म थिंद। इस बार सुनाम क्षेत्र में आलू की खेती (Potato Farming) बड़े पैमाने पर हो रही है। विगत वर्ष की तुलना में इस साल आलू की कीमतों में भी तीन गुना वृद्धि देखने को मिल रही है, जिससे किसानों के वारै-न्यारे हो रहे हैं। किसान सुरिंदर सिंह, जसविंदर सिंह मंगी और शमशेर सिंह छेरी आदि ने बताया कि पिछले साल आलू की फसल की हालत बहुत खराब थी, लेकिन इस बार अच्छी कीमत मिलने से अच्छा मुनाफा हुआ है।
यह किसान दो प्रकार के आलू का उत्पादन कर रहे हैं, स्पेशल-3 और डायमंड किस्म का आलू। डायमंड टाइप आलू खाने में स्वादिष्ट होता है जिसकी खूब मांग रहती है। हालांकि डायमंड आलू की पैदावार स्पेशल 3 किस्म के मुकाबले काफी कम होती है। इस बार स्पेशल-3 प्रति एकड़ से तीन से चार सौ बोरी (प्रति 50 किलो) हुई है, जबकि डायमंड आलू 200 से 300 बोरी के बीच ही पैदावार हुई।
बता दें कि आलू की खेती करीब 90 दिन की होती है। यदि खर्च की बात करें तो एक एकड़ में 28 से 30 बैग बीज की जरूरत होती है और उसके बाद खाद का खर्च भी काफी होता है, लेकिन यह अल्पकालिक खेती होने के चलते यदि इसकी अच्छी कीमत मिले तो यह खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। किसान राम सिंह संधे, मनिंदर सिंह मोनू, रमनदीप सिंह रमनी और गुरप्रीत सिंह गुरी ने बताया कि इस बार आलू 1200 से 1300 प्रति क्विंटल बिक रहा है। हालांकि अभी आलू खेतों से सप्लाई हो रहा है, जब स्टोर किया हुआ आलू बाजार में पहुंचेगा तो रेट और बढ़ने की संभावना है।
करीब 45 सौ रूपये खर्च आता है आलू बिजाई व खुदाई में
आलू खुुदाई की मशीन के मालिक लखविंदर सिंह ने कहा कि आलू निकालने का रेट 2200 से 2500 के बीच है और आलू लगाने का रेट भी लगभग इतना ही हैै। लखविंदर ने बताया कि इस बार आलू की कीमत अच्छी है, जिससे सभी को फायदा हो रहा है, क्योंकि यदि किसानों को अच्छा दाम मिलता है तो लोगों में आलू की खेती के प्रति और रूझान बढ़ेगा, जिससे काफी लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। वहीं आलू चुनने और बोरी में पैकिंग करने वाले मजदूरों ने बताया कि इस कार्य के लिए इस बार 9 से 10 हजार रूपये प्रति एकड़ का ठेका चल रहा है। इस रेट में 50 किलोग्राम की बोरी भरकर देते हैं।
बंगाल में आलू की खेती कम होने का प्रभाव: व्यापारी
आलू खरीद व्यापारी गोल्डी सुनाम ने बताया कि इस बार बंगाल में आलू की खेती कम हुई है, जिस कारण आलू की कीमतें बढ़ी हैं। अब सुनाम क्षेत्र में आलू 1200 से 1400 प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। यह रेट सीधा किसानों से खरीद का है। उन्होंने कहा कि आलू के रेटों में इस तरह की तेजी इससे पहले सन् 2020 में आई थी। गुजरात में एलआर टाइप और डायमंड टाइप आलू की मांग ज्यादा है। उन्होंने कहा कि गुजरात में पेप्सी, बालाजी, हल्दीराम आदि कंपनियों से एल-आर प्रकार के आलू की अधिक मांग है। एल-आर प्रकार के आलू का उत्पादन अधिकतर नाभा, मोगा, जगराओं आदि क्षेत्र में होता है। जबकि सुनाम क्षेत्र में स्पेशल-3 और इस बार थोड़ी डायमंड की खेती की गई है। अगली बार सुनाम क्षेत्र में डायमंड आलू की खेती बढ़ने की संभावना है। व्यापारी गोल्डी ने बताया कि सुनाम क्षेत्र में करीब 5 लाख बैग का भंडारण होता है, जबकि करीब ढाई लाख बैग बाहर भेजा जाता है।
आलू के बाद मक्के की जगह मूंग की फसल लगाएं किसान: मनदीप सिंह
कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी मनदीप सिंह ने बताया कि सुनाम क्षेत्र में आलू की फसल पर्याप्त हुई हैैै। किसानों को आलू की फसल के बाद मक्की की फसल लगाने की बजाय मूंग को अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। मक्के की फसल की तुलना में मूंग को कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे एक तरफ मूंग के नाड़ से मिट्टी में उर्वरक बनता है और दूसरी तरफ पानी की काफी बचत कर सकते हैं।