श्रीनगर (एजेंसी)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस केंद्र शासित प्रदेश के युवाओं से बातचीत की। जम्मू-कश्मीर यूथ क्लब के युवा सदस्यों की बातें सुनने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर का युवा विकास चाहता है और विकास की बात कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘ कश्मीर में पहले पत्थरबाजी होती थी अब सकारात्मक बदलाव आया है।….. जम्मू-कश्मीर की शांति में कोई भी खलल नहीं डाल सकता।
शाह ने युवाओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जम्मू-कश्मीर में तेजी से विकास के बारे में सोचते हैं। नये जम्मू-कश्मीर के निर्माण की शुरूआत की गयी है। उन्होंने कहा, ‘ मैं मन की गहराई से युवाओं का स्वागत करता हूं… युवाओं के बिना कोई परिवर्तन नहीं सकता। उच्च स्तरीय बैठक से पहले श्री शाह आतंकवादी हमले में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर परवेज अहमद के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने शहीद परवेज अहमद की पत्नी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति-पत्र भी दिया।
सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक
केन्द्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर के तीन दिन के दौरे पर सुबह श्रीनगर पहुंचे। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका हवाई अड्डे पर स्वागत किया। उनकी यात्रा के दौरान श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे और इसमें ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक श्रीनगर के राजनिवास में हुई। बैठक करीब चार घंटे चली। इसमें उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के साथ-साथ सेना की उत्तरी कमान के शीर्ष अधिकारी, खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख, जम्मू-कश्मीर में तैनात अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह और अन्य अधिकारी शामिल थे।
उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने से पहले शाह शहीद परवेज के घर गये और उनकी पत्नी फातिमा को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। उन्होंने वहां परिजनों के साथ कुछ समय बिताया और उन्हें सांत्वना दी। परवेज जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इन्टेलीजेंस कश्मीर (सीआईके) में पदस्थ थे। उनकी 22 जून को नौगाम स्थित उनके घर के बाहर हत्या कर दी गयी थी। उप-राज्यपाल सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह भी इस दौरान मौजूद थे।
युवाओं को खेल से जोड़ना है
शाह पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने और उसके पुनर्गठन के बाद पहली बार वहां गए हैं। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह सवा दो साल बाद यहां आए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री का यह दौरा राज्य में प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्याओं की घटनाओं के बीच हो रहा है। यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक यूथ क्लब को आर्थिक सहायता दी गयी है। युवाओं को खेल से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के हर गांव, हर घर में बिजली पहुंचा रही है। अब स्टार्टअप के लिए भी योजनायें चल रही हैं। उन्होंने परिवर्तन में युवाओं की भागीदारी पर बल देते हुए इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर के युवा अब नौकरी की बात कर रहे हैं। युवा विकास की बात करते हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री आज शाम को श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की शुरूआत करेंगे। इसके अलावा वह कई अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। उनका यहां जम्मू-कश्मीर उद्योग मंडल के प्रतिनिधियों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के लोगों से मिलने का भी कार्यक्रम है। शाह कल जम्मू क्षेत्र का दौरा करेंगे और वहां कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
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