गरीबों को मिलेगा पोषण युक्त चावल

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नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 तक देश में सभी गरीबों को पोषण युक्त चावल उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाने की घोषणा की है। मोदी ने रविवार को लाल किले की प्राचीर से स्वाधीनता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के तहत गरीबों को मिलने वाले चावल को पोषण युक्त बनाने की योजना बनायी जा रही है।

मोदी ने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी और गरीबों को पोषण युक्त चावल देगी। राशन की दुकानों पर मिलने वाला चावल हो या मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक, हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग और क्षेत्र के पीछे रह गए हैं, उन्हें साथ लेकर चलना आवश्यक है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को अगले 25 वर्षों में एनर्जी को लेकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज जो भी कार्य कर रहा है, उसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है, जो भारत को क्वांटम जंप देने वाला है- वो है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र। उन्होंने कहा कि मैं आज तिरंगे को साक्षी मानते हुए राष्ट्रीय हाड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारत को एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर होना अनिर्वाय है। इसलिए आज भारत को संकल्प लेना होगा कि हमें आजादी के 100 साल होने से पहले देश को एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर बनाना होगा।

मोदी ने नेहरू, पटेल और अंबेडकर को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर रविवार को महापुरुषों को याद करते हुए कहा कि देश प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर समेत ऐसे हर व्यक्ति का ऋणी है। मोदी आमतौर पर पंडित नेहरू का जिक्र करने से बचते रहे हैं, लेकिन आज उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में पंडित नेहरू के योगदान का जिक्र किया।

नई शिक्षा नीति देश की जरूरतें पूरी करने वाली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति से अब हमारे बच्चे ना ही कौशल के कारण रुकेंगे और ना ही भाषा के सीमा में बंधेंगे। दुर्भाग्य है कि हमारे देश मे भाषा को लेकर एक विभाजन पैदा हो गया है। भाषा की वजह से हमने देश के बहुत बड़ी प्रतिभाओं को पिंजड़े में बांध दिया दिया है। मातृभाषा में पढ़े हुए लोग आगे आएंगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

 

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