ये झोंपड़ियों के बच्चे

Starvation

Poor Children

मैली झोंपड़ियों के हैं ये
मैले-मैले बच्चे,
उछल-कूदते, खिल-खिल हँसते
हैं ये कितने अच्छे।
मुझ जैसी इनकी दो आँखें
मुझ जैसे दो हाथ,
नहीं पढ़ा करते पर क्यों ये
कभी हमारे साथ?
नहीं हमारे साथ कभी ये
जाते हैं स्कूल,
क्यों इनके कपड़ों पर मम्मी
इतनी ज्यादा धूल? (Poor Children)

ढाबों में बरतन मलते हैं
या बोझा ढोते हैं,
हम स्कूल में होते हैं तब
ये चुप-चुप रोते हैं।
मम्मी, किसने छीने,
वरना ये भी खूब चमकते
जैसे नए नगीने।

मम्मी, सोच लिया है पढ़कर
इनको खूब पढ़ाऊँगा,
ये पढ़कर आगे बढ़ जाएँ-
इनको यही सिखाऊँगा।
ये भी भारत के बच्चे हैं
ये भारत की शान हैं,
झोंपड़ियों के हैं तो क्या है,
मन इन पर कुर्बान पर है!

-प्रकाश मनु

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