नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट से निपटने के लिए अगले कुछ दिनों तक निर्माण कार्यों और स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की हुई ‘आपात बैठक’ में उन उपायों की सूची तैयार की है, जिससे अगले कुछ दिनों में प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
इंडस्ट्रियल पॉल्युशन
निदेर्शों के अनुसार, सिर्फ गैस से चलने वाली इंडस्ट्रीज ही चल सकेंगी, गैरनिर्धारित फ्यूल से चलने वाली सभी इंडस्ट्री बंद हों। जहां भी संभव हो तुरंत इंडस्ट्री को गैस पर शिफ्ट किया जाए। नियम नहीं मानने वालों पर त्वरित कार्यवाई की जाए। कमीशन पहले भी कह चुका है कि सिर्फ अनुमोदित ईंधन से चलने वाली इंडस्ट्रीज को ही चलने दिया जाए, राज्य सुनिश्चित करें कि बिना अनुमोदित ईंधन से चलने वाली इंडस्ट्रीज को तुरंत बंद किया जाए।
फैक्ट्री और इंडस्ट्रीज वायु प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं इसके लिए दिल्ली और ठउफ की राज्य सरकारें प्रभावी तंत्र का इस्तेमाल करें, उच्च अधिकारियों की देखरेख में टीम गठित करें। जिससे प्रदूषण का उत्सर्जन करने वाली इंडस्ट्रीज पर कार्रवाई हो सके और उन्हें बंद किया जा सके।
वाहनों से होने वाला प्रदूषण और ट्रांसपोर्ट
निर्देश के मुताबिक, जरूरी सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर, सभी ट्रकों की एंट्री दिल्ली में 21 नवंबर तक के लिए बंद रहेगी। जरूरत पड़ने पर इस तारीख को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। जिम्मेदार अथॉरिटी सुरक्षित करें कि सड़क पर 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल के वाहन और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल के वाहन ना चलें। नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई हो।
पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बगैर गाड़ियों का सड़क पर दौड़ना बंद किया जाए। दिल्ली सड़क परिवहन विभग के लोग सड़कों पर मुस्तैद रहें, ताकि सड़क पर कंजेस्शन को रोका जा सके और ट्रैफिक मूवमेंट फ्री फ्लो रहे। दिल्ली सरकार सुनिश्चित करें कि सड़क पर पर्याप्त सीएनजी बसें उपलब्ध रहें।
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