लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। प्रथम चरण के मतदान के लिये नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राहुल गांधी के नजदीकी रहे सैम पित्रोदा ने बालाकोट हमले पर बेतुका बयान देकर राजनीति में खलबली मचा दी है। उनके इस बयान से कांग्रेस शर्मिंदा हुई है। सैम पित्रोदा बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक को लेकर वहां आतंकियों के मारे जाने के सबूत भी मांग रहे हैं। साफ है कि वह बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक पर विश्वास नहीं कर रहे। सैम पित्रोदा को यह भी पता होना चाहिए कि वायुसेना प्रमुख यह कह चुके हैं कि उनका काम लक्ष्य भेदना था, न कि लाशें गिनना। क्या वह इससे परिचित नहीं कि पाकिस्तान ने किस तरह सर्जिकल स्ट्राइक से भी इनकार किया था? क्या वह मोदी सरकार पर निशाना साधने के फेर में वायुसेना की क्षमता पर सवाल उठाने के साथ उस पर शक भी नहीं कर रहे हैं? हालांकि कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया और कुछ नेता बाद में मामले पर पर्दा डालने का प्रयास करते रहे, क्योंकि उनके इस बयान ने देशवासियों को दुविधा में डाल दिया है।
यही नहीं उन्होंने मुंबई हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी बताने को भी गलत करार दिया है। उनका मानना है कि कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे देश को नहीं दी जानी चाहिए। इसी तरह मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमला करने के लिए पाकिस्तान से 8 लोग आते हैं और हमला कर देते हैं, इसके लिए पूरे पाकिस्तान देश पर आरोप नहीं लगा सकते है एयरस्ट्राइक में मारे गए आतंकियों के दावे पर पित्रोदा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर आप कहते हैं कि 300 लोग मारे गए। तो हर किसी को हर भारतीय को इसके बारे में जानने की जरुरत है। विश्व के मीडिया में तो कोई नहीं मारा गया जैसी खबरें आने के बाद बतौर भारतीय नागरिक मुझे बहुत बुरा लग रहा है। सैम पित्रोदा कोई छोटे कांग्रेसी नेता नहीं है जिनके बयान का महत्व नहीं हो।
गांधी परिवार के बेहद करीबियों में शामिल सैम पित्रौदा अभी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वो इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक के करीबी व विश्वासपात्रो में शुमार किये जाते रहें हैं। पूर्व में वो राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल में उनके निजी सहायक रहें हैं। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पित्रोदा 2005 से 2009 तक ज्ञान आयोग के चेयरमैन रह चुके हैं। 2009 में उन्हे पद्म भूषण से नवाजा गया था। इस चुनावी माहौल में हर बयान का महत्व होता है ऐसे में सैम पित्रौदा, मणिशंकर अय्यर, दिगविजय सिंह, पी.चिदम्बरम,कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को काबू में रखना होगा ताकि कांग्रेस को और अधिक सफाई ना देनी पड़े। देश के लोगों को सेना पर पूरा विश्वास है ऐसे में भाजपा विरोधी दलों द्वारा जोश में आकर सेना की भूमिका पर सवाल करने को देश का आम आदमी गैर जरूरी मानता है। ऐसे में राजनीतिक दलों को सेना पर सियासत करने से परहेज करना चाहिये।
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