इतिहास के बारे में सियासी पैंतरेबाजी सही नहीं

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उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक विधायक ‘ताज महल’ को एतिहासिक स्थानों की सूची से निकालने की जोरदार वकालत करते हुए इसे इतिहास मानने से ही इंकार कर रहे हैं। ऐसे बयान असल में प्रसिद्ध होने के ढंग होते हैं। इतिहास लिखना व सियासी पैंतरों का कोई सुमेल नहीं होता। इतिहास सीधा साधा कालक्रम है, इसे समझने के लिए इतिहास के क्षणों को समझना जरूरी होता है।

इतिहास सिर्फ घटनाओं की तारीखों व राजे-महाराजाओं के धार्मिक विश्वासों तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें किसी देश की भौतिक, सांस्कृतिक उपलब्धियों को भी शामिल किया जाता है। इतिहास में प्रसिद्ध हुए बहुत सारे राजे-महाराजे अपनी कुछ खामियों के बावजूद ऐसी उपलब्धियां हासिल कर गए, जो किसी न किसी रूप में देश का गौरव साबित हुई।

शाह जहां के अतिरिक्त भी प्रसिद्ध राजाओं के जीवन के बारे में सौ फीसदी स्पष्ट तथ्य मौजूद ही नहीं हैं। विभिन्न इतिहासकारों की विभिन्न राय है। जहां तक शाहजहां का संबंध राजनीतिक तौर पर उसके राज्य प्रबंध पर किन्तु-परंतु किया जा सकता है, किन्तु नकाशी व भवन निर्माण कला के पक्ष मेें उसके द्वारा बनवाई इमारतों ने हिन्दोस्तान का नाम पूरी दुनियां में ऊंचा किया है।

वैसे भी कला का संबंध किसी धर्म, जाति अथवा राजा-महाराजा तक सीमित नहीं होता। कला का संबंध मनुष्य के हृदय के साथ है। कोई भी सुंदर रचना हर दर्शक को आकर्षित करती है। दर्शक कला देखता है, ना कि कलाकार का धर्म, जाति, रंग अथवा उसका गांव, शहर व रूतबा। कला का कद्रदान होना मनुष्य की उपलब्धि है।

यदि कोई शासक कला के प्रसार के लिए कुछ करता है तब यह देश के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रीय इमारत राष्ट्रीय एकता का आधार है। बिहारी, पंजाबी, हरियाणवी हर कोई ताज महल का प्रशंसक है और इस पर गर्व महसूस करता है। कला के कद्रदानों को धर्मों के आधार पर बांट कर कला के साथ न्याय नहीं किया जा सकता। दुनियां के सात अजूबों में शामिल ताज महल पर राजनीति करना तंग सोच का परिणाम है।

सियासतदानों को जनता की समस्याएं सुलझाने की तरफ ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। ताज महल कोई मुद्दा ही नहीं है, जनता के बेशुमार मुद्दे हैं। ताज पार सियासी पैंतरेबाजी को कोई भी स्वीकार नहीं करता। देश से प्यार करने वाले देश की राष्ट्रीय इमारतों का मान सम्मान करते हैं। राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए देश के इतिहास को सांप्रदायक्तिा की नजर से नहीं देखा जाए।

 

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