खेदड़ थर्मल प्लांट के बाहर वाटर केनन-आंसू गैस का प्रयोग
बरवाला। हिसार जिले के बरवाला में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की राख को लेकर थर्मल-मैनेजमेंट और ग्रामीणों के बीच चल रहा विवाद (Police-Vllagers Clash) सोमवार को भड़क गया। ग्रामीणों ने मुख्य गेट के बाहर धरना लगाया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो थर्मल में घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। ग्रामीणों पर वाटर कैनन से पानी की बोछार की गई और आंसू गैस के गोली भी दागे गए। ग्रामीणों और पुलिस में हुए टकराव में 3-4 ग्रामीणों को चोटें आई हैं, जिनको अस्पताल ले जाया गया है। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण थर्मल के मेन गेट पर धरना लगाकर बैठे थे। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। एक महीना पहले ग्रामीणों पर केस दर्ज हो चुका है।
जानकारी के अनुसार खेदड़ स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख को लेकर करीब डेढ़ महीने से ग्रामीणों का धरना चला आ रहा है। पहले ग्रामीण थर्मल के पिछले गेट पर धरना दे रहे थे, लेकिन अब उनकी मांग का कोई समाधान नहीं निकला तो वे सोमवार को थर्मल के मेन गेट पर धरना देकर बैठ गए। इस बीच किसी असामाजिक तत्व ने बाहर बने केबिन के शीशे तोड़ दिए।
इस बीच ग्रामीणों को अंदर जाने से रोकने के लिए थर्मल का मेन गेट अंदर से बंद कर दिया गया तो ग्रामीणों ने भी बाहर धरना देकर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया। विवाद बढ़ा तो ग्रामीणों ने थर्मल के अंदर घुसने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने उनको रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए वाटर कैनन से पानी बरसाया गया। साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इसमे 3-4 ग्रामीणों को चोटें आई हैं। टकराव के बाद भी ग्रामीण थर्मल के मेन गेट पर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि उनकी मांग को स्वीकार किया जाए। इसके बाद वे अपने आंदोलन को तेज कर देंगे।
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