अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे के लिए कब्जा लेने का विरोध
- एसडीएम से बहस, मीटिंग रही बेनतीजा
अंबाला (सच कहूँ न्यूज)। अंबाला-शामली एक्सप्रेस-वे के लिए एक्वायर की गई जमीन पर कब्जा लेने गए प्रशासन के साथ बुधवार को किसानों का टकराव हो गया। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) प्रशासन के विरोध में उतर आया। किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। महिला एसडीएम ने किसानों को समझाने की कोशिश की तो किसानों के साथ बहस हो गई। माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने विरोध कर रहे कई किसानों को हिरासत में भी लिया। हालांकि, बाद में सभी किसानों को छोड़ दिया गया।
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एसडीएम नारायणगढ़ के साथ करीब डेढ़ घंटे चली किसानों की मीटिंग बेनतीजा रही। यहां किसानों ने एसडीएम के समक्ष मुख्य 4 मांगे रखी। किसानों ने कहा कि सरकार खेतों में खड़ी फसल का मुआवजा दे। अगर सरकार मुआवजा नहीं दे रही तो किसानों को फसल काटने के लिए 10 दिन का समय दें। इसके अलावा खेतों में खड़े ट्यूबवैल और पाइप लाइन का मुआवजा सरकार किसानों को दे। भाकियू के जिला प्रधान मलकीत सिंह और युवा प्रधान गुलाब पुनिया ने कहा कि डेढ़ घंटा चली मीटिंग में किसी भी बात पर सहमति नहीं बनी है। प्रशासन कब्जा लेने को लेकर अडिग है। उन्होंने कहा कि किसान जल्द ही मीटिंग करके बड़ा फैसला लेंगे।
उचित मुआवजा न मिलने का विरोध कर रहे किसान
बता दें कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) और जिला प्रशासन कोड़वा में जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा, लेकिन किसान फसल का मुआवजा न मिलने के कारण जमीन पर कब्जे की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे अंबाला-शामली एक्सप्रेस-वे पर 3663.80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह एक्सप्रेस-वे सिक्सलेन होगा। अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे से शामली तक इसकी लंबाई 110 किमी. होगी।
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