कोर्ट में जांच रिपोर्ट नहीं पेश कर पाई पुलिस

Kairana News
जनपद न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य की कोर्ट ने सुनाया फैसला

20 को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश

गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। आरटीआई कार्यकर्ता हरींद्र ढींगरा द्वारा प्रदेश के लोकनिर्माण (police-could-not-submit-report-in-court) मंत्री राव नरवीर सिंह की तथाकथित शिक्षा प्रमाण पत्र की जांच को लेकर दायर की गई याचिका पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नवीन कुमार की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। पुलिस ने मामले की जांच पूरी न हो पाने के कारण कुछ और समय की मांग अदालत से की। अदालत ने पुलिस को कहा कि पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश हैं कि सांसदों व विधायकों से जुड़े अदालती मामलों का निपटारा 4 माह में किया जाए।

पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए  भेजे नोटिस

इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए आगामी 20 मई को जांच रिपोर्ट हर हाल में प्रस्तुत की जाए, ताकि शिकायतकर्ता की याचिका का निपटारा किया जा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने अदालत को बताया कि मंत्री के शिक्षा प्रमाण पत्रों की जानकारी रेवाड़ी से प्राप्त की जानी है, लेकिन व्यस्तता के चलते नहीं प्राप्त हो सकी है। राव नरवीर सिंह को भी पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजे हैं, लेकिन उन्होंने उनका कोई जबाव नहीं दिया है।

अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को आदेश दिए हैं कि आगामी 20 मई को जांच संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ अदालत में उपस्थित हों। गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता हरींद्र ढींगरा ने प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री पर तथाकथित आरोप लगाए थे कि राव नरबीर सिंह ने वर्ष 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़ा और शपथ पत्र दाखिल किए।  उन्होंने वर्ष 2005 में शपथपत्र दाखिल किया था कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से उत्तीर्ण की है। वर्ष 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं की परीक्षा बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से उत्तीर्ण की है तथा साथ ही वर्ष 1986 में हिंदी साहित्य में स्नातक करने का उल्लेख भी शपथ पत्र में किया था।

शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में विरोधाभास व भ्रमित जानकारी देने की शिकायत उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग से भी की थी। आयोग ने उन्हें निर्देश दिए थे कि इस सब की शिकायत अदालत में याचिका के रुप में की जाए, जिस पर ढींगरा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उधर याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को राव नरवीर पहले से ही निराधार बता चुके हैं।

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