जहरीली हवा से प्रदेश में आंखों, एलर्जी और सांस के रोगी बढ़े

Poisonous air

 सिविल अस्पतालों में रोजाना पहुंचे रहे 3000 रोगी

चंडीगढ़| प्रदूषण का असर कम नहीं हो रहा है। शनिवार को पूरे हरियाणा में स्मॉग छाया रहा। लोगों की आंखों में जलन की दिक्कत हुई। वहीं, सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें आंखों, एलर्जी और सांस के रोगी शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में इन रोगों से ग्रस्त लोगों की ओपीडी 30 से 50 फीसदी तक बढ़ गई है।

जब तक बरसात नहीं होती या तेज हवा नहीं चलती,  इस दिक्कत से पूरी तरह निजात नहीं मिल पाएगी

  • रोजाना प्रदेश के अस्पतालों में इन रोगों से ग्रस्त 2500 से 3000 रोगी आ रहे हैं।
  • सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में भी ओपीडी पिछले एक सप्ताह में तेजी से बढ़ गई है।
  • डॉक्टरों का कहना है कि जब तक बरसात नहीं होती या तेज हवा नहीं चलती
  • तब तक इस दिक्कत से पूरी तरह निजात नहीं मिल पाएगी।

 दुष्यंत चौटाला ने बताया कि बढ़ रहे वायु प्रदूषण के चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे प्रदेश के सभी निजी व सरकारी स्कूलों में बच्चों की ओपन एक्टिविटी न करवाएं, ताकि बच्चों की सेहत पर बढ़ रहे प्रदूषण का प्रभाव न पड़ सके।

सिविल अस्पताल और पीजीआईएमएस में ओपीडी का संचालन हुआ

स्माॅग व वायु प्रदूषण बढ़ने से रोहतक सिविल अस्पताल में पिछले तीन दिनों में डेढ़ सौ और पीजीआईएमएस के क्रिटिकल केयर मेडिसिन की ओपीडी में दो सौ नए व पुराने मरीज चिकित्सकों के पास इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं। एक नवंबर को हरियाणा दिवस के अवकाश के बाद दूसरे दिन सिविल अस्पताल और पीजीआईएमएस में ओपीडी का संचालन हुआ।

  • आंखों की जलन की शिकायत लेकर 80 मरीज नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में पहुंचे।
  • पीजीआईएमएस के क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार का कहना है
  • कि बीते तीन दिन से वातावरण में स्माग का असर रोगों को बढ़ावा देने वाला है।

इसलिए सांस, अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ने पर गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों को त्वरित उपचार के लिए पीजीआई में स्पेशल वार्ड बनाया गया है।

 पड़ोसी राज्यों की बैठक बुलाने का किया आह्वान

सीएम मनोहर लाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गंभीर प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ हितधारकों द्वारा ओच्छी राजनीति करने की बढ़ती प्रवृत्ति की निंदा की है। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द और जहां तक संभव हो कल ही, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का आग्रह किया है। इससे पहले सीएम ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ दूरभाष पर बातचीत में उनसे यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया ताकि एनसीआर में इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए विभिन्न संगठनों और सरकार के समन्वित प्रयासों से एक कारगर रणनीति तैयार की जा सके।  सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जारी जन स्वास्थ्य आपातकाल हम सब के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

  • लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए
  • इस समस्या के समाधान के लिए सभी हितधारकों द्वारा एक अति संवेदनशील
  • और उत्तरदायी ढंग से समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

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