मोदी पहली बार करेंगे, वंदे भारत ट्रेन की सवारी
अहमदाबाद (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान बनी वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन में पहली बार एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री गुजरात की राजधानी में गांधीनगर कैपिटल से मुंबई सेंट्रल की सेवा का हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करेंगे और उसी से अहमदाबाद रेलवे स्टेशन तक यात्रा भी करेंगे। मोदी गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन पर एक समारोह में सुबह साढ़े दस बजे वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहेंगे। मोदी और अन्य मेहमान इस नई ट्रेन में सवार होकर अहमदाबाद के कालूपुर स्थित रेलवे स्टेशन तक यात्रा करेंगे और इसके बाद दोपहर करीब दो बजे यह ट्रेन मुंबई के लिए रवाना होगी। वडोदरा और सूरत रुकते हुए यह गाड़ी करीब आठ बजकर 20 मिनट पर मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी।
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यह पहला मौका होगा जब मोदी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सवारी करेंगे। इससे पहले उन्होंने पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 15 फरवरी 19 को किया था। लेकिन उसमें सवार होकर एक स्टेशन से दूसरे स्थान पर वह इससे पहले कभी नहीं गये हैं। भारतीय रेलवे की नयी पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है। श्री वैष्णव के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस का नया रैक पहले से हल्का है और नयी आधुनिक बोगी डिजायन के कारण यात्रियों को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बिना कोई झटका या कंपन के दौड़ने में सक्षम है। पहली वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने के अनुकूल है।
पहली गाड़ी का वजन 430 टन था
रेल मंत्री के मुताबिक वंदेभारत एक्सप्रेस के 75 रैकों का निर्माण अगले माह से चेन्नई में इंटीग्रल कोच कारखाने में शुरू हो जाएगा और हर माह दो तीन से शुरू हो कर आठ -दस रैक प्रतिमाह तक बनने लगेंगे। वंदे भारत के भविष्य में बनने वाले 400 रैक 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलने में सक्षम होंगे जिन्हें विकसित देशों में निर्यात भी किया जाएगा। वंदे भारत के पहले संस्करण एवं इस नये संस्करण के बीच अंतर का उल्लेख करते हुए कहा कि नयी वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की गति मात्र 52 सेकेंड में पार कर लेती है जबकि पहले संस्करण वाली वंदे भारत को 54.6 सेकेण्ड लगते हैं। बुलेट ट्रेन को इस गतिसीमा को पार करने में 55 सेकेंड लगते हैं।
पहली वंदे भारत का एक्सल लोड 17 टन था जो नयी गाड़ी में 15.3 टन है। पहली गाड़ी का वजन 430 टन था लेकिन नयी गाड़ी का वजन 392 टन है यानी 38 टन कम है। बाढ़ की दशा में यदि पटरियों पर दो फुट तक पानी भरा है तो भी वंदे भारत ट्रेन को आराम से चलाया जा सकता है, पहले संस्करण का केवल 40 सेंटीमीटर यानी सवा फुट से कुछ अधिक तक भरे पानी में ही चलाया जा सकता है। पहली वंदे भारत ट्रेन की लागत 97 करोड़ रुपये थी जबकि नयी वंदे भारत की लागत करीब 107 करोड़ रुपये है।
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