उरई (एजेंसी)। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र की गौरवशाली परंपरा को समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों में काम करने के तरीकों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस उप्र में सरयू नहर परियोजना पूरा होने में 40 साल लगे, गोरखपुर खाद कारखाना 30 साल बंद रहा, अर्जुन सागर बांध 12 साल विलंबित रहा और रायबरेली के कारखानों में सिर्फ बोर्ड लगा था, वही उप्र अब औद्योगिक विकास में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब बात सिर्फ हाईवे या एयर वे की नहीं है, बल्कि अब शिक्षा और कृषि सहित हर क्षेत्र में उप्र आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की नीयत और दृष्टि बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा, ‘विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं। हम 21वीं सदी के नये भारत के निर्माण में जुटे हैं। विकास के लिये हमारी प्रतिबद्धता ऐसी है, कि हम समय की मयार्दा टूटने नहीं देते हैं। मोदी ने कहा, ‘हम समय की मयार्दा का पालन कैसे करते हैं, इसके अनगिनत उदाहरण उप्र में ही हैं। काशी में विश्वनाथ धाम के सुंदरीकरण का काम हमारी ही सरकार ने ही शुरू किया और हमारी ही सरकार ने पूरा किया। गोरखपुर एम्स का शिलान्यास भी हमारी सरकार ने किया और उसका लोकार्पण भी हमारी सरकार में हुआ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों हमारी सरकार में हुआ। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी इसी का उदाहरण है। इसका काम अगले साल फरवरी में पूरा होना था, लेकिन ये 7-8 महीने पहले ही सेवा के लिए तैयार है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी की हिस्सेदारी निभाएंगा
दिल्ली और लखनऊ से सीधे जोड़ने वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी तेज गति से फरार्टा भर कर तय की जा सकेगी। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमानित अवधि से आठ महीने पहले बनकर तैयार हो गया है। इसे 28 माह में बना लिया गया है। उप्र सरकार का दावा है कि इसे अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम कीमत में बना लिया गया है। इससे सरकारी खजाने को 1132 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। विभिन्न एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी को पूरा करने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की हिस्सेदारी 296 किमी रहेगी। जबकि, डीएनडी फ्लाईवे नौ किमी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी की हिस्सेदारी निभायेंगे।
यह एक्सप्रेस वे चार लेन की चौड़ाई वाला है
बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। सरकार का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। बांदा और जालौन में एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक कारिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी का चयन हो चुका है। उद्योग लगने से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। एक्सप्रेस वे के आरओडब्ल्यू के तहत लगभग सात लाख पौधे रोपे जा रहे हैं। यह एक्सप्रेस वे चार लेन की चौड़ाई वाला है। एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकासी के लिए 13 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए सर्विस रोड का निर्माण किया गया है। एक्सप्रेसवे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।
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