Bharat Tex 2025: पीएम मोदी ने निटरा के नए प्राकृतिक टेक्सटाइल फाइबर को सराहा

Narendra Modi
Narendra Modi: पीएम मोदी ने निटरा के नए प्राकृतिक टेक्सटाइल फाइबर को सराहा

पीएम मोदी ने भारत- टैक्स- 2025 का अवलोकन करते हुए  निटरा के शोध क्षेत्रों को  भी देखा, डॉ  एम एस परमार से ली जानकारी

  • भारत- टैक्स- 2025:निटरा ने  नया प्राकृतिक टेक्सटाइल फाइबर किया प्रदर्शित | Narendra Modi

नई दिल्ली (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Bharat Tex 2025: पीएम  मोदी ने भारत- टैक्स- 2025 का अवलोकन किया और निटरा के शोध क्षेत्रों को  देखा। इस दौरान उन्होंने निटरा के निदेशक  एम.एस. परमार से प्राकृतिक रेशों के बारे में गंभीरता से  चर्चा  भी की। निटरा  के निदेशक डाॅ. एम एस परमार ने पीएम मोदी (Narendra Modi) को बताया कि भारत टैक्स -2025 में हम यहाँ पर एक नया प्राकृतिक टेक्सटाइल फाइबर को प्रदर्शित कर रहे  हैं। यह फाइबर मिल्क वीड पौधे से निकाला गया है। मिल्क वीड वृक्ष को भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में आक, अकौआ, आकड़ा, अनंतमूल, अर्क, मंदार आदि नामों से जाना जाता है।

इस वृक्ष का हमारे हिन्दू धरम में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है शिव पुराण के अनुसार, शिव भगवान को केवल इसी पेड़ केफूल या फूल से बनी माला अर्पित की जाती हैं। इसके अलावा  हमारे नाइन एस्ट्रोलॉजिकल  वृक्ष  में  मिल्क वीड वृक्ष भीहै जो  सूर्य ग्रह  का  संकेत कर ता है।  यह सस्टेनेबल फाइबर हैं और  कपास की तुलना में कम पानी की खपत करता है, उर्वरकों और कीटनाशकों का नगण्य उपयोग होता है। यह चिरस्थाई (पेरेनियल) पेड़ है – हर वर्ष खेत की जुताई की आवश्यकता नहीं होती। दश साल तक इस पेड़ से फसल ले सकते हैं, इससे निकला हुआ रेशा बहुत हल्का, बहुत ज्यादा गर्मी देने वाला औरबहुत महीन रेशा है।

वस्त्र मंत्रालय (एम्ओटी) के अंतर्गत अनुसंधान संस्थान निटरा  इस रेशा पर 18 सालो से काम कर रही है। हमने पहली बार एनटीटीएम (नेशनल टेक्नीकल टेक्सटाइल मिशन मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स, गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया)  परियोजना के तहत मिल्क वीड रेशा की व्यवस्थित खेती निटरा  में शुरू की है। किसानों के लिए एक नई फसल, जिससे अधिक आर्थिक लाभ मिल सकता है। हमारे कपड़ा मंत्री, गिरिराज सिंह जी इस प्रोजेक्ट में बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं। और उनकी मदद से हमने कॉटन कारपोरेशन ऑफ़  इंडिया (सीसीआई ) को इस प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया है। सीसीआई   के साथ मिलकर इस साल देश के विभिन्न राज्यों में  इसकी पैदावार शुरू करेंगे। इसके अलावा कपड़ा मंत्री के सहयोग से सीएसआईआर – नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट  (एनबीआरआई ) को भी हमने इस प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया है। एनबीआरआई इस मिल्क वीड पौधे की  जीनोम   (डीएनए ) पर काम कर रहा है । हमने इस रेशा को विभिन्न रेशो के साथ मिलाकर बहुत तरह के कपडे बनाये हैं। Narendra Modi

जब हमने इस रेशो को ऊनी रेशो के साथ मिलाया तो ऊनी वस्त्रों से हमें अधिक गर्मी मिलने लगी तथा वस्त्र देखने भी बहुत ही अच्छे लगने लगे। हमने इस रेशों को एक्सट्रीम  कोल्ड क्लाइमेट  क्लोथिंग   में प्रयोग किया और स्लीपिंग बैग, जैकेट्स जेसे बहुत से प्रोडक्ट्स बनाये हैं, जो हमारे सैनिकों को -20 से -40 डिग्री सेंटीग्रेड तक सुरक्षा कर सकते हैं। जिनका भार भी अभी तक प्रयोग में आने वाले  एक्सट्रीम  कोल्ड  क्लाइमेट क्लोथिंग से कम है। डॉ. एम.एस. परमार पिछले करीब 35 सालो से प्राकृतिक रेशों एवं प्राकृतिक रंगों के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्हें देश हित में व्यापक परियोजनाओं का संचालन किया गया है और भारत की विविध सरकारी संस्थाओं के शोधार्थियों और वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया गया है। उन्होंने  कई पुस्तक, शोधपत्र, पेटेंट इत्यादि प्रस्तुत की है और विविध पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित भी  किया जा चुका है। Narendra Modi

यह भी पढ़ें:– Pension News: इस राज्य की सरकार का बड़ा ऐलान, इन लोगों की इतनी पेंशन बढ़ी…खुशी से झूमे लोग!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here