नई दिल्ली। दिल्ली के चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को ब्रिटिश काल के आपराधिक कानूनों से मुक्ति दिलाने का काम किया है और इनकी जगह लागू कनूनों से न्याय प्रणाली अधिक दक्ष बनेगी। खंडेवाल ने देश में सोमवार से तीन नये कानूनों -भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्वागत करते हुए कहा कि देश के कानूनी ढाँचे में महत्वपूर्ण और एतिहासिक बदलाव हो रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये तीनों नये कानून अपराधों से निपटने में बेहद कारगर साबित होंगे।
ये नए कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी के प्रगतिशील विजन के कारण देश आज ब्रिटिश काल के तीन कानूनों से मुक्त हो रहा है। उनकी जगह नए कानूनों का लागू किया जाना अधिक कुशल, स्पष्ट और न्यायसंगत कानूनी प्रणाली बनाने का एक व्यापक प्रयास है, जो भारत के वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक और तकनीकी परिदृश्य के साथ मेल खाती है। इन नये कानूनों में कई धाराओं को पुन: क्रमांकित और पुनर्वगीर्कृत किया गया है, ताकि अपराधों की समकालीन प्रासंगिकता और गंभीरता को दशार्या जा सके। नए कानून में लिंग आधारित हिंसा, बलात्कार और अन्य प्रकार के यौन उत्पीड़न के खिलाफ अधिक कठोर प्रावधानों जैसे प्रगतिशील उपायों और मानवाधिकार विचारों को शामिल किया गया है। खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस प्रगतिवादी कदम के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि नए कानूनों में जिस तरह कानूनी भाषा और प्रावधानों को सरल और स्पष्ट बनाने का प्रयास किया गया है उससे सामान्य नागरिक के लिए ये कानून अधिक सहज और समझने योग्य हो सकते हैं।